नई दिल्ली : रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने गुरुवार को कहा कि भव्य राम मंदिर का निर्माण होने जा रहा है और इसके निर्माण में अगर और भी जमीन की जरूरत होगी, तो और जमीन ली जा सकती है. इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखा जाएगा.
महंत गोपाल दास ने कहा कि राम जन्मभूमि से जुड़े हुए सभी महात्माओं ने उन्हें राम मंदिर ट्रस्ट का अध्यक्ष बनाया है.
उन्होंने कहा, 'जो दायित्व दिया गया है, उस दायित्व को पूरी तरह से निभाऊंगा. ट्रस्ट की बैठक में राम मंदिर के मॉडल पर बात होगी, उसके बाद अन्य कामों को बढ़ाया जाएगा.'
उन्होंने साफ-साफ कहा, 'जो पत्थर राम मंदिर के लिए रखे गए हैं, उन्हीं पत्थरों का इस्तेमाल किया जाएगा. अगर जरूरत पड़ी तो और भी पत्थर मंगाए जाएंगे. राम मंदिर के लिए 70 फीसदी काम हो चुका है . जल्द ही मंदिर से जुड़ी निर्माण समिति इसपर विचार करेगी. इसके लिये जल्द ही होली के बाद नृपेंद्र मिश्रा जी के साथ बैठक होगी.'
मंदिर निर्माण के लिए सरकारी सहायता की बात पर उन्होंने कहा, 'मंदिर का निर्माण सिर्फ चंदे के पैसे से ही होगा. छह महीने में राम मंदिर का निर्माण काम शुरू हो जाएगा. लिहाजा 2 साल से ज्यादा का समय लग सकता है.'
मंदिर की भव्यता के बारे में पूछे जाने पर महंत जी ने कहा, 'जब उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे महापुरुष राम मंदिर निर्माण कार्य में लगे हुए हैं, तो मंदिर का निर्माण भव्य ही होगा.'
राम मंदिर ट्रस्ट में किसको मिली कौन सी भूमिका राम मंदिर ट्रस्ट पर कुछ संतों की ओर से आपत्ति किए जाने पर महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा, 'उनका कहना ठीक नहीं है. राम मंदिर के निर्माण से हिंदू जनमानस गर्व का अनुभव करेगी.'
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उन्होंने यहां तक कहा, 'राम मंदिर निर्माण में अगर और भी जमीन की जरूरत होगी तो जमीन ली जा सकती है. इसके लिए उत्तरप्रदेश सरकार को लिखा जाएगा.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के लिए समय मांगे जाने पर उन्होंने साफ कहा, 'जिनको मिलना है वह मुझसे मिलेंगे, मैं किसी से मिलने नहीं जाऊंगा.'राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता शरद पवार द्वारा ट्रस्ट पर आपत्ति जताने पर महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा, 'हम लोग मंदिर का निर्माण कर रहे हैं. शरद पवार चाहे तो मस्जिद का निर्माण करा दें. हमारा काम मंदिर निर्माण का है न कि किसी और संप्रदाय के किसी धार्मिक स्थान को बनाने का.'
(आईएएनएस)