नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को कहा कि कोई भी अधिकार स्थायी नहीं होता है. यह सामाजिक-आर्थिक स्थितियों की संकल्पना के साथ बदलता है.
उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर ने संविधान पर चर्चा के दौरान सलाह दी थी कि भारत की जनता ही संविधान की प्रकृति पर फैसला करेगी क्योंकि यह जनप्रतिनिधियों पर निर्भर करेगा जिन्हें जनता विधायिका में चुनकर भेजेगी.