नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को बजट सत्र की शुरुआत पर संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का कोई जिक्र नहीं किया. सात महीने पहले उन्होंने यह घोषणा की थी कि डाटाबेस के लिए हर भारतीय के बारे में 'प्राथमिकता के आधार पर' जानकारी जुटाई जाएगी.
नई लोकसभा के गठन के फौरन बाद 20 जून 2019 को कोविंद ने कहा था कि अवैध घुसपैठिए भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हैं और इससे देश के कई हिस्सों में सामाजिक असंतुलन बढ़ने के साथ ही आजीविका के सीमित अवसरों पर काफी दबाव है.
उन्होंने कहा था, 'मेरी सरकार ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी को घुसपैठ से प्रभावित इलाकों में प्राथमिकता के आधार पर लागू करने का फैसला किया है. घुसपैठ को रोकने के लिए सीमा पर सुरक्षा और पुख्ता की जाएगी.'
राष्ट्रपति ने हालांकि शुक्रवार के अपने संबोधन में एनआरसी का कोई जिक्र नहीं किया.
देश भर में एनआरसी और संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. संसद ने दिसंबर 2019 में सीएए को लेकर कानून बनाया था.