जगदलपुर :सीआरपीएफ 80 बटालियन के सामने 9 नक्सलियों ने सरेंडर किया. दो नक्सली जनमिलिशिया कमांडर थे. दोनों पर 1-1 लाख रुपये का इनाम घोषित था. सरेंडर करने वालों में तीन महिलाएं भी शामिल हैं. सभी ने नक्सलियों की प्रताड़ना से तंग आकर और सरकार के पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर सरेंडर किया है.
सीआरपीएफ के अधिकारियों ने सरेंडर नक्सलियों को 10-10 हजार का चेक प्रोत्साहन राशि के रूप में दिया है. सरेंडर करने वाले नक्सलियों में बारसुर लोकल गोरिल्ला स्क्वायड का कमांडर भी शामिल है. वह 2014 के बाद के कई बड़ी वारदातों में शामिल था. उसने मोबाइल नहीं रखने और शादी की इजाजत नहीं देने पर सरेंडर का फैसला लिया है.
प्रतिबंधों के कारण सरेंडर कर रहे नक्सली
पुनर्वास के लिए सरकार उठा रही कदम आंध्र प्रदेश के नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों से नाराज होकर बड़ी संख्या में स्थानीय नक्सली सरेंडर कर रहे हैं. पुलिस की तरफ से मिल रहे रियायत के वायदे और पुनर्वास का फायदा आकर्षित कर रहा है.
2014 से नक्सलियों के पूर्वी डिवीजन कमेटी में काम कर चुके नक्सली ने बताया कि उसने आंध्र प्रदेश से आए अपने सीनियर नक्सल कमांडर से फोन रखने की अनुमति मांगी और शादी करने की इच्छा जाहिर की, लेकिन उसे यह अनुमति नहीं मिली. उसने केवल गाने सुनने के लिए फोन खरीदा था, लेकिन यह फोन भी नक्सलियों ने जब्त कर लिया. नाराज और निराश होकर उसने सरेंडर का फैसला किया.
सरेंडर नक्सली बारसूर इलाके में थे सक्रिय
अन्य 8 नक्सली जनमिलिशिया सदस्य बताए जा रहे हैं. जो पुलिस की गतिविधियों की जानकारी नक्सलियों तक पहुंचाया करते थे. रास्तों पर बम लगाना, सड़कें काटना, नक्सलियों के लिए आवागमन और भोजन का प्रबंध करने का काम ये सभी करते थे.