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भीमा कोरेगांव केस : एनआईए ने फादर स्टेन को हिरासत में लिया

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Published : Oct 9, 2020, 10:06 AM IST

भीमा कोरेगांव केस में एनआईए ने फादर स्टेन स्वामी को हिरासत में ले लिया है. एनआईए की टीम स्टेन स्वामी के साथ उनके करीबी सोलोमन डेविड को भी रात में देखभाल के लिए साथ ले गई. स्टेन स्वामी को हिरासत में लेने का झारखंड जनाधिकार महासभा ने विरोध किया है.

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भीमा कोरेगांव केस

रांची : एनआईए ने भीमा कोरेगांव केस में गुरुवार की रात फादर स्टेन स्वामी को हिरासत में ले लिया है. एनआईए की टीम एसपी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में गुरुवार रात लगभग आठ बजे फादर स्टेन स्वामी के बगइचा स्थित आवास पहुंची थी. एनआईए के अधिकारियों ने फादर स्टेन को अपने साथ धुर्वा स्थिति एनआईए कैंप ऑफिस चलने को कहा. उम्र और स्वास्थ्य ठीक नहीं होने की बात कहकर फादर स्टेन ने एनआईए टीम के साथ जाने से इनकार कर दिया. ऐसे में एनआईए की टीम ने स्टेन स्वामी के साथ उनके करीबी सोलोमन डेविड को भी रात में देखभाल के लिए साथ ले गई.

'एनआईए ने की बदसलूकी'
स्टेन स्वामी को हिरासत में लिए जाने का झारखंड जनाधिकार महासभा ने विरोध किया है. महासभा की ओर से ही सबसे पहले ट्विटर पर स्टेन स्वामी को हिरासत में लिए जाने की सूचना दी गई. महासभा ने दावा किया कि एनआईए के पास कोई वारंट नहीं था, बलपूर्वक एनआईए की टीम उन्हें अपने साथ ले गई, एनआईए ने स्टेन स्वामी से बदसलूकी भी की, पूछने पर सिर्फ इतना बताया कि एनआईए के बड़े अधिकारी उनसे पूछताछ करना चाहते हैं. वहीं स्टेन स्वामी के करीबियों ने बताया कि दो तीन दिनों से एनआईए के आने की सूचना मिल रही थी. एनआईए मुंबई ने पूछताछ के लिए समन भी भेजा था, तब स्टेन स्वामी ने अपनी बिगड़ी तबीयत की जानकारी ईमेल के जरिये दी थी. वहीं वीसी के जरिये एनआईए के सामने हाजिर होने की गुहार लगाई थी.

झारखंड जनाधिकार महासभा का ट्वीट

एनआईए, महाराष्ट्र एटीएस भी कर चुकी हैं कार्रवाई
एनआईए की टीम छह अगस्त को दिल्ली से आई थी. तब लगभग तीन घंटे तक भीमा कोरेगांव केस के संबंध में एनआईए ने फादर स्टेन से पूछताछ की थी. इससे पहले 12 जुलाई 2019 को महाराष्ट्र पुलिस की आठ सदस्यीय टीम ने झारखंड के रांची में स्टेन स्वामी के घर पर छापा मारा था. पुलिस ने साढ़े तीन घंटों तक उनके कमरे की छानबीन की थी. टीम ने उनके कंप्यूटर की हार्ड डिस्क और इंटरनेट मॉडेम जब्त कर लिया गया था. उनसे उनके ईमेल और फेसबुक के पासवर्ड मांगकर पासवर्ड बदल दिए थे. दोनों अकाउंट जब्त भी कर लिए गए थे, ताकि डाटा की जांच की जा सके. 28 अगस्त 2018 को भी महाराष्ट्र पुलिस ने स्टेन स्वामी के कमरे की तलाशी ली थी.

कौन हैं स्टेन स्वामी स्टेन
स्वामी स्टेन झारखंड के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता हैं. वे कई वर्षों से राज्य के आदिवासी और अन्य वंचित समूहों के लिए काम करते रहे हैं. उन्होंने विशेष रूप से विस्थापन, संसाधनों की कंपनियों के ओर से लूट, विचाराधीन कैदियों के साथ-साथ कानून पर काम किया है. इससे पहले पिछले जुलाई 2018 में झारखंड की खूंटी पुलिस ने पत्थलगड़ी आंदोलन मामले में सामाजिक कार्यकर्ता और विस्थापन विरोधी जन विकास आंदोलन के संस्थापक सदस्य फादर स्टेन स्वामी, कांग्रेस के पूर्व विधायक थियोडोर किड़ो समेत 20 अन्य लोगों पर राजद्रोह का केस दर्ज किया था.

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कई की हो चुकी है गिरफ्तारी
भीमा कोरेगांव में हिंसा और अर्बन नक्सलियों के ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की योजना बनाने के मामले में एनआईए ने जनवरी 2020 में केस टेकओवर किया था. इस मामले में अब तक माओवादी विचारक और कवि बरबरा राव, सुरेंद्र गाडलिंग, सुधीर धावले, महेश राउत, शोमा सेन, रोना विलसन, सुधा भारद्वाज, अरुण फरेरा, वेरनॉन गोंजाल्विस और गौतम नवलखा को गिरफ्तार किया जा चुका है.

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