श्रीनगर : पुलवामा हमला मामले में एनआईए कोर्ट ने आरोपियों को 15 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा है. जम्मू में एनआईए की एक अदालत ने हमले के आरोपियों शाकिर बशीर, पीर तारिक और उनकी बेटी इंशा जहां, अब्बास राथर, वाज-उल-इस्लाम को 15 दिन के न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
बता दें, एनआईए ने पीर तारिक और उनकी बेटी इंशा जहां को हमले में शामिल होने के लिए लेथपोरा इलाके से गिरफ्तार किया था.
यह गिरफ्तारियां शाकिर बशीर मागरे के खुलासे पर की गईं, जिसे 28 फरवरी को आतंकवाद-रोधी जांच एजेंसी ने गिरफ्तार किया था. जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा जिले के काकापोरा के हाजीबाल का निवासी मागरे पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद आतंकी समूह का ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) है.
मागरे ने पुलवामा आत्मघाती हमलावर को आश्रय देने के साथ ही अन्य प्रकार से भी सहायता प्रदान की. उसे शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर की विशेष एनआईए अदालत ने 15 दिनों की एनआईए हिरासत में भेज दिया है.
पूछताछ के दौरान मागरे ने खुलासा किया कि उसने डार और पाकिस्तान के आतंकवादी मोहम्मद उमर फारूक को 2018 के अंत से फरवरी 2019 के बीच अपने घर पर पनाह दी और इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) की तैयारी में उनकी सहायता की.
उसकी दुकान लेथपोरा पुल के पास स्थित है और मोहम्मद उमर द्वारा दी गई सलाह के अनुसार, उसने जनवरी 2019 में जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर सीआरपीएफ के काफिले की आवाजाही की टोह लेनी शुरू कर दी और इसके बारे में मोहम्मद उमर और आदिल अहमद डार को सूचित किया.
मारुति ईको कार को मोडीफाई करने और फरवरी 2019 की शुरुआत में इसमें आईईडी फिट करने में मागरे भी शामिल रहा था. वह 2018 के मध्य में मोहम्मद उमर द्वारा आदिल अहमद डार से मिलवाया गया और इसके बाद वह जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) का पूर्णकालिक ओजीडब्ल्यू बन गया.
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एजेंसी ने 28 फरवरी को कहा था, 'उसने अपनी शुरुआती पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि कई मौकों पर उसने जेईएम आतंकवादियों को हथियार, गोला-बारूद, नकदी और विस्फोटक सामग्री दी, जिसमें पुलवामा हमले को अंजाम देने वाले लोग भी शामिल थे.'