दंतेवाड़ा : छत्तीसगढ़ सरकार के 'लोन वर्राटू' अभियान से प्रभावित होकर आठ लाख रुपये के इनामी नक्सली कोसा मरकाम ने सरेंडर कर दिया है. जानकारी के मुताबिक, कोसा मरकाम ने दंतेवाड़ा पुलिस के सामने हथियार डाले हैं.
खूंखार नक्सली के आत्मसमर्पण से लाल आतंक को फिर एक बार झटका लगा है. नक्सली अब हिंसा का रास्ता छोड़कर शांति की दुनिया को अपना रहे हैं. पुलिस विभाग इसे बड़ी कामयाबी के तौर पर देख रहा है.
नक्सली कोसा मरकाम ने सरेंडर किया पुलिस के मुताबिक, आत्मसमर्पित नक्सली उत्तर बस्तर डिवीजन में मिलिट्री कंपनी नंबर 5 के प्लाटून नंबर दो का सदस्य है. इतना ही नहीं आत्मसमर्पित नक्सली कोसा मरकाम ढाई करोड़ रुपये के इनामी नक्सली गणपति, एक करोड़ रुपये के इनामी कोसा समेत कई खूंखार नक्सलियों के साथ काम कर चुका है.
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लगातार नक्सली डाल रहे हथियार
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, कोसा मरकाम अलग-अलग जगह घात लगाकर 11 से अधिक जवानों की हत्या में शामिल रहा है. दंतेवाड़ा एसपी कोसा मरकाम के सरेंडर को बड़ी कामयाबी मान रहे हैं. दंतेवाड़ा एसपी का कहना है कि 'लोन वर्राटू' अभियान से प्रभावित होकर नक्सलियों का सरेंडर जारी है.
कोसा मरकाम बाल सदस्य के तौर पर नक्सल संगठन में हुआ था शामिल
कोसा मरकाम बाल सदस्य के रूप में नक्सल संगठन में भर्ती हुआ था, जोकि 2015 से उत्तर बस्तर में सक्रिय था. कोसा अपने परिजनों से मिलने अपने गृह जिला दंतेवाड़ा आया था, जहां लोन वर्राटू अभियान के बारे में घर वालों ने उसे बताया. इसके बाद उसने दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.
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लाल आतंक पर कसा शिकंजा
बता दें कि छत्तीसगढ़ में अब लाल आतंक का खौफ धीरे-धीरे कम होता जा रहा है. नक्सली ढांचे टूटने लगे हैं. नक्सलियों के कई बड़े लीडर छत्तीसगढ़ पुलिस के सामने सरेंडर कर चुके हैं. साथ ही सरकार के 'लोन वर्राटू' अभियान का फायदा भी मिल रहा है. अब तक 100 नक्सली लाल आतंक से मुंह फेरकर घर वापस लौट आए हैं और शांतिपूर्वक जिंदगी बिता रहे हैं.