नई दिल्ली : देश के कई हिस्सों में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा है. इस दौरान गृह मंत्रालय ने राज्यसभा को जानकारी दी कि 2014 से 2019 के बीच पड़ोसी देशों के 18,999 लोगों को भारत की नागरिकता प्रदान की गई है.
बता दें कि इस समय बजट सत्र चल रहा है. गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान पड़ोसी देशों के 18,999 लोगों को भारत की नागरिकता प्रदान की गई है. उन्होंने कहा कि यह रिकॉर्ड धर्म के अनुसार तैयार नहीं किया गया है.
गृह राज्यमंत्री ने बताया कि 2014 में 544 लोगों को नागरिकता दी गई. इनमें पड़ोसी देश अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान, और श्रीलंका के नागरिक थे. वहीं 2015 में इन्हीं देशों के 15,394 लोगों को नागरिकता दी गई. इसमें सबसे ज्यादा बांग्लादेश के लोग शामिल थे. 2016 में 988, 2017 में 677, 2018 में 511 और 2019 में 885 लोगों को नागरिकता प्रदान की गई. इस दौरान म्यांमार के दो लोगों को भी भारत की नागरिकता दी गई.