चेन्नई: चुनावी सरगर्मियों के बीच अभिनेता कमल हासन ने कहा है कि आजाद भारत का पहला उग्रवादी हिंदू था. कमल हासन ने यह बयान रविवार को तमिलनाडु के अरवाकुरिचि विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान दिया.
अरवाकुरिचि उन चार विधानसभा क्षेत्रों में से एक है जहां 19 मई को उपचुनाव होने हैं. एनएनएम ने इस क्षेत्र से एस मोहनराज को खड़ा किया है. हासन को कांग्रेस और द्रमुक कषगम का समर्थन मिला जिनके नेताओं ने कहा कि उन्हें अभिनेता से नेता बने हासन की टिप्पणियों में कुछ भी गलत नहीं लगा.
टीएनसीसी अध्यक्ष के सी अलागिरी ने कहा कि वह हासन से '100 फीसदी' सहमत हैं जबकि डीके प्रमुख के वीरमणि ने कहा कि गोडसे आरएसएस से प्रशिक्षित था.
इस मुद्दे पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए अलागिरी ने आरोप लगाया कि आरएसएस जैसे हिंदुत्व संगठन 'विरोधी विचारों को कुचलने में विश्वास' करते हैं और उन्होंने भगवा संगठन की तुलना आईएस से करते हुए कहा कि इस्लामिक संगठन यहां तक कि अपने साथी मुसलमानों के भी विपरीत विचार बर्दाश्त नहीं करता.
अलागिरी ने कहा, 'मैं उनका समर्थन करता हूं और ना केवल 100 फीसदी बल्कि 1000 फीसदी उनसे सहमति जताता हूं.'
हासन ने चुनावी रैली में कहा था, 'मैं ऐसा इसलिए नहीं बोल रहा हूं कि यह मुस्लिम बहुल इलाका है, बल्कि मैं यह बात गांधी की प्रतिमा के सामने बोल रहा हूं. आजाद भारत का पहला उग्रवादी हिन्दू था और उसका नाम नाथूराम गोडसे है. वहीं से इसकी (उग्रवाद) शुरुआत हुई.' हासन ने कहा कि उन्होंने 'स्वघोषित रूप से अपने आप को गांधी का पौत्र मान लिया है'.
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आपको बता दें कि कमल हासन ने राजनीति में कदम रखते हुए पिछले साल ही मक्कल निधि मैय्यम पार्टी की स्थापना की थी. हालांकि, उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने का से इंकार कर दिया था.
महात्मा गांधी की 1948 में हुई हत्या का हवाला देते हुए हासन ने कहा कि वह उस हत्या का जवाब खोजने आये हैं. उन्होंने कहा, 'अच्छे भारतीय समानता चाहते हैं और चाहते हैं कि तिरंगे के तीन रंग बरकरार रहें. मैं अच्छा भारतीय हूं, गर्व से इसकी घोषणा करुंगा.'
रविवार की रात एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए हासन ने कहा कि वह एक ऐसे स्वाभिमानी भारतीय हैं जो समानता वाला भारत चाहते हैं. हासन ने कहा कि वे ऐसा भारत चाहते हैं, जहां तिरंगे के 'तीन रंग' बरकरार रहें. विभिन्न धर्मों के संदर्भ में उन्होंने तिरंगे के तीन रंगों का जिक्र किया.
हासन को द्रविदार कणगम (DK) प्रमुख वीरमणि का भी समर्थन मिला. वीरमणि भाजपा और संघ परिवार के कटु आलोचक माने जाते हैं. भाजपा की भोपाल लोकसभा सीट से उम्मीदवार का जिक्र करते हुए कहा, 'इतना ही नहीं बल्कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर भी महज जमानत पर हैं.' उन्होंने गोडसे पर हासन के बयान के लिए उनका समर्थन किया.
बता दें कि समाजिक आंदोलन डीके की स्थापना ईवी पेरियार ने की थी. पेरियार को द्रविड़ आंदोलन का जनक माना जाता है. पेरियार ने आत्मस्वाभिमान आंदोलन की भी शुरुआत की थी.
गौरतलब है कि प्रज्ञा ठाकुर साल 2008 में हुए मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी हैं. बीजेपी ने उन्हें भोपाल संसदीय सीट पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ मैदान में उतारा है.
(एक्स्ट्रा इनपुट- भाषा)