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ज्ञान प्रसार : मरियप्पन ने सैलून में खोली लाइब्रेरी, पीएम हुए मुरीद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम में तमिलनाडु के तुतुकुड़ी के रहने वाले पोन मरियप्पन से बात की. पोन मरियप्पन ने अपने सैलून के कुछ हिस्से में लाइब्रेरी खोली है, जिससे उनके सैलून में आने वाले अपनी बारी का इंतजार करते हुए कुछ पढ़ें और ज्ञान अर्जित करें.

दूसरों के लिए खोल दी लाइब्रेरी
दूसरों के लिए खोल दी लाइब्रेरी

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Published : Oct 25, 2020, 10:33 PM IST

Updated : Oct 26, 2020, 3:18 AM IST

चेन्नई : पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम में तुतुकुड़ी के रहने वालेइस पोन मरियप्पन से बात की. अपने मन की बात कार्यक्रम में उन्होंने तुतुकुड़ी को पर्ल सिटी यानी मोतियों के शहर के रूप में भी मशहूर होने की चर्चा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह कभी पांडियन साम्राज्य का एक महत्वपूर्ण केंद्र था. यहां रहने वाले मेरे दोस्त पोन मरियप्पन, हेयर कटिंग के पेशे से जुड़े हैं और एक सैलून चलाते हैं.

पीएम मोदी ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि मैं आपका परिचय एक ऐसे व्यक्ति से कराऊंगा, जिसमें एक अनोखा जुनून है. ये जुनून है दूसरों के साथ reading और learning की खुशियों को बांटने का. पोन मरियप्पन का बहुत छोटा सा सैलून है. उन्होंने एक अनोखा और प्रेरणादायी काम किया है.

पीएम मोदी ने बताया कि मरियप्पन अपने सैलून के एक हिस्से को ही पुस्तकालय बना दिया है. यदि व्यक्ति सैलून में अपनी बारी का इंतजार करने के दौरान वहां कुछ पढ़ता है, और जो पढ़ा है उसके बारे में थोड़ा लिखता है, तो पोन मरियप्पन उस ग्राहक को छूट देते हैं - है न मजेदार!

मोदी के मन की बात की झलकियां.

क्या-क्या हुई बातचीत

आइये, तुतुकुड़ी चलते हैं - पोन मरियप्पन से बात करते हैं.

प्रधानमंत्री: पोन मरियप्पन, वणकम्म... नल्ला इर किंगडा ?

(प्रधानमंत्री: पोन मरियप्पन, वणकम्म। आप कैसे हैं ?)

पोन मरियप्पन: ... (तमिल में जवाब) .....

(पोन मरियप्पन: माननीय प्रधानमंत्री, वणकम्म (नमस्कार).

प्रधानमंत्री : वणकम्म, वणकम्म .. उन्गलक्के इन्द लाइब्रेरी आइडिया येप्पड़ी वन्ददा

(प्रधानमंत्री : वणकम्म, वणकम्म। आपको ये पुस्तकालय का जो idea है, ये कैसे आया? )

पोन मरियप्पन: ... (तमिल में जवाब) .....

पोन मरियप्पन ने कहा कि मैं आठवीं कक्षा तक पढ़ा हूं. उसके आगे मेरी पारिवारिक परिस्थितियों के कारण मैं अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ा ना सका. जब मैं पढ़े-लिखे आदमियों को देखता हूं, तब मेरे मन में एक कमी महसूस हो रही थी, इसीलिये मेरे मन में ये आया कि हम क्यों ना एक पुस्तकालय स्थापित करें, और उससे, बहुत से लोगों को ये लाभ होगा, यही मेरे लिये एक प्रेरणा बनी.

प्रधानमंत्री : उन्गलक्के येन्द पुत्तहम पिडिक्कुम ?

प्रधानमंत्री : आपको कौन सी पुस्तक बहुत पसन्द है ?

पोन मरियप्पन: ... (तमिल में जवाब) .....

पोन मरियप्पन (Pon Mariyappan) : मुझे ‘तिरुकुरुल’ बहुत प्रिय है.

प्रधानमंत्री : उन्गकिट्ट पेसीयदिल येनक्क, रोम्बा मगिलची, नल वाड़ तुक्कल

प्रधानमंत्री : आपसे बात करने में मुझे बहुत प्रसन्नता हुई, आपको बहुत शुभकामनाएं.

पोन मरियप्पन : ... (तमिल में जवाब) .....

पोन मरियप्पन : मैं भी माननीय प्रधानमंत्री से बात करते हुए अति प्रसन्नता महसूस कर रहा हूं.

प्रधानमंत्री : नल वाड़ तुक्कल

प्रधानमंत्री : अनेक शुभकामनाएं.

पोन मरियप्पन: ... (तमिल में जवाब) .....

पोन मरियप्पन : धन्यवाद प्रधानमंत्री जी.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में मरियप्पन के कहा कि वह कक्षा आठ तक पढ़ें है और एक वकील के साथ क्लर्क का काम करते थे. इस वकील ने पढ़ाई की अहमियत समझायी. उन्होंने बाद में अपने पिता के सैलून को संभाला और सैलून के भीतर ही पुस्तकालय स्थापित किया. लोग अपनी बारी का इंतजार करते हुए किताबें पढ़ते हैं.

Last Updated : Oct 26, 2020, 3:18 AM IST

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