मैसुरु : देश के अलग-अलग राज्यों में सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ कई मुहिम चलाए जा रही हैं. कर्नाटक भी इस मुहिम में शामिल है. कर्नाटक के धारवाड़ जिले में एक गांव है अनचात्गेरी. गांव में स्थित स्कूल का गेट जब हर दिन खुलता है तो यहां एक शख्स बच्चों के आने का इंतजार करता दिखता है. इस आदमी के हाथ में एक बैग भी होता है. वह बच्चों की प्लास्टिक की बोतलें जमा करता है और इनके बदले उन्हें दो रुपये भी देता है. यह शख्स और कोई नहीं बल्कि ग्राम पंचायत के प्रमुख बसवराज बिंदाल हैं.
अनचात्गेरी ग्राम पंचायत शायद कर्नाटक के कुछ उन गांवों में एक है, जिसने एकल-उपयोग (सिंगल यूज) प्लास्टिक के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है.
अनचात्गेरी ग्राम के सरपंच बसवराज बिंदाल ने गांव को प्लास्टिक मुक्त बनाने का सपना देखा है. वह स्कूली बच्चों से अब तक 16 हजार प्लास्टिक की बोतलें जमा कर चुके हैं.
बसवराज बिंदाल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सम्मानित कर चुके हैं. पीएम मोदी ने अहमदाबाद के साबरमती आश्रम में आयोजित कार्यक्रम में बिंदाल को सम्मानित किया था. उक्त कार्यक्रम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था.
बसवराज अपशिष्ट को अलग कर राजस्व अर्जित करने की योजना पर काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि विभिन्न कॉलेजों के छात्रों ने उनसे संपर्क किया और गांव में एक प्लास्टिक-बैंक खोलने का सुझाव दिया. इसका मकसद अधिक सुविधाजनक निबटान है.
प्लास्टिक का उपयोग रोकने के लिए, अनचात्गेरी गांव के निवासी भी बसवराज के समर्थन में आ गए हैं. सभी का मकसद ये सुनिश्चित करना है कि गांव में प्लास्टिक का कचरा न हो.
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