हैदराबाद :आंध्र प्रदेश के श्रीशैलम पावर स्टेशन में आग लगने की घटना में नौ लोगों की मौत हो गई. सुरक्षाकर्मी 10 लोगों को बचाने में कामयाब रहे. छह लोगों को अस्तपाल में भर्ती कराया गया है. इसके पहले भी श्रीशैलम में हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्लांट में दुर्घटनाएं हुई हैं.
2019
श्रीशैलम हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्लांट में इससे पहले 19 सितंबर, 2019 में जेनरेटर ब्रेक पैड में आग लगी थी. यह घटना बांध के दाहिने हिस्से में हुई थी, जिसने पावर प्लांट से 110 मेगावाट बिजली उत्पादन को रोक दिया था. शॉर्ट सर्किट के चलते यह आग लगी थी. इस हादसे में कथित तौर पर 25 लाख रुपये का नुकसान हुआ था.
2009
दो अक्टूबर, 2009 में श्रीशैलम जलाशय के ऊपर एक अर्थ डैम फट गया जिससे बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए थे.
1998
साल 1998 में श्रीशैलम बांध के टूटने से सब कुछ पानी में डूब गया. बांध का निर्माण गुणवत्ताहीन समान से किया गया था. मरम्मत पूरी होने तक बिजली उत्पादन को एक साल के लिए रोक दिया गया था. इसी बांध में 2009 में भी खामियां सामने आई थीं. दूसरी बार बांध के टूटने का कारण जलाशय का खराब संचालन था जिसके कारण जलाशय में रुकावट आई और फिर से बिजली उत्पादन को रोकना पड़ा.
अन्य राज्य
- 2013 में विष्णुप्रयाग (चमोली, उत्तराखंड) में बाढ़ की वजह से टैंक में भारी मात्रा में कीचड़ और कचरा जमा हो गया.
- 2013 में उत्तराखंड के धौलीगंगा हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्लांट में भी बाढ़ के चलते हादसा हुआ.
- 2014 में जम्मू-कश्मीर के उरी-II पावर स्टेशन में एक ट्रांसफार्मर में आग लगने से भारी नुकसान हुआ था.