नई दिल्ली :लव जिहाद का मामला उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर कई भाजपा नेताओं के लिए हमेशा से पसंदीदा मुद्दा रहा है, मगर हाल में इससे जुड़ी कई घटनाओं के बाद भाजपा शासित कई राज्य इसे लेकर कानून बनाने की बात चल रही है.
हरियाणा के बल्लभगढ़ में निकिता तोमर की हत्या की घटना के बाद मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के साथ-साथ हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात में भी लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने से संबंधित मसौदे अंदरखाने तैयार किए जा रहे हैं. बिहार और राजस्थान के नेता भी इस मुद्दे पर कानून लाने की मांग उठा रहे हैं.
कुछ दिन पहले भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी बिहार के मुख्यमंत्री से लव जिहाद के खिलाफ कानून लाने की मांग की थी, जिसे बहुत ही विनम्रता से नीतीश कुमार ने ठुकरा दिया था. मगर सवाल यहां यह उठता है कि जब लव जिहाद के खिलाफ पूरे देश में भाजपा के नेता इस पर आवाज उठा रहे हैं, ऐसे में मोदी और शाह की चुप्पी इस पर सवाल खड़ी कर रही है.
लव जिहाद के खिलाफ विहिप का जागरुकता अभियान
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने तो अपनी शाखाएं दुर्गा वाहिनी और बजरंग दल को घर-घर जाकर हिंदू परिवारों को लव जिहाद के बारे में बताने और उससे बचने की सलाह देने संबंधित पूरा कार्यक्रम ही तैयार किया है. विहिप ने कहा है कि हिंदू परिवारों को इस बारे में शिक्षित करने के लिए उनके बीच जागरुकता अभियान चलाएं.
साथ ही विश्व हिंदू परिषद ने ऐसी पीड़ित महिलाओं के लिए सहायता अभियान भी चलाया है और लव जिहाद से संबंधित लिटरेचर तैयार कर वितरित करने की भी योजना है. पिछले महीने विश्व हिंदू परिषद ने अपनी पत्रिका में तथाकथित लव जिहाद के 147 मामलों की सूची जारी की थी, जो 2011 और 2020 के बीच हुए थे. विहिप ने अपने सभी कार्यकर्ताओं से अपने राज्य की सरकारों पर दबाव बनाकर लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने संबंधी अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं.
मगर जितने जोर-शोर से यह मामला विहिप और भाजपा के नेता उठा रहे हैं, उतने ही जोर से इसके खिलाफ विपक्षी पार्टियों के नेता भी लामबंद हो रहे हैं. बीते दिनों कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा था कि भाजपा के कई नेताओं और उनके बच्चों ने भी लव जिहाद को अंजाम दिया है, जिनमें केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन, सुब्रमण्यम स्वामी की पुत्री और पूर्व संगठन मंत्री रामलाल की भतीजी के विवाह शामिल हैं.
हालांकि, इस मुद्दे पर शाहनवाज हुसैन ने कहा था कि उन्होंने लव जिहाद नहीं, बल्कि लव किया है. समय-समय इन नेताओं ने यह भी सफाई दी है कि ये मामले स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी के तौर पर किए गए थे, न कि लव जिहाद के मामले हैं और अभी तक वह इन विवाह को निभा भी रहे हैं. इन नेताओं ने अपना नाम लेने पर विपक्षी नेताओं की भर्त्सना की है.