नई दिल्ली :सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने उम्मीद जताई है की बातचीत और 'परस्पर व समान सुरक्षा' के आधार पर लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध सुलझ जाएगा. हालांकि, उन्होंने कहा कि चीन व पाकिस्तान के बीच संभावित कपटपूर्ण गठजोड़ से भारत को होने वाले खतरे की अनदेखी नहीं की जा सकती.
इस दौरान नरवणे ने बताया कि चीनी सेना की उपलब्धियों और वैज्ञानिक सफलता के दावे पूरी तरह से झूठे हैं. उनके बहुत सारे दावे बकवास हैं. मैंने इस पर कई मीडिया रिपोर्ट पढ़ी हैं. (उदाहरण के लिए) पूर्वी लद्दाख में माइक्रोवेव हथियारों का उपयोग. किसी को ऐसे बेकार के दावे नहीं करने चाहिए.
सेना दिवस समारोह से पहले सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि बांग्लादेश में पनडुब्बियों सहित अन्य देशों को दिए गए सैन्य उपकरणों को पानी के रास्ते ले जाया जा रहा है.
प्रेसा वार्ता के दौरान ईटीवी भारत ने उनसे पूछा कि क्या हाइब्रिड, साइबर और स्पेस वॉरफेयर तकनीकों के साथ पारंपरिक युद्ध तकनीकों को एकीकृत करने का चीनी प्रयास तत्काल भविष्य में भारत और चीन के बीच मौजूदा सैन्य संतुलन में कोई विषमता पैदा करेगा? तो उन्होंने कहा कि संयोग से मंगलवार को राज्य-नियंत्रित चीनी मीडिया ने घोषणा की कि पीएलए पश्चिमी थियेटर कमान ने रिमोट सेंसिंग इमेज और संयुक्त सीटू एकीकरण से सटीक रूप से 3 डी भौगोलिक जानकारी के आधार पर पश्चिमी सीमा क्षेत्र के 20,000 किलोमीटर के पैनोरमिक, उच्च-परिशुद्धता जियो मैपिंग को पूरा किया है.
जनरल नरवणे ने इस बात को भी स्पष्ट किया कि भारतीय सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर किसी दुस्साहस से निपटने के लिये पूरी तरह तैयार हैं और 'राष्ट्रीय लक्ष्यों व उद्देश्यों' को हासिल करने के लिये जब तक जरूरी होगा, डटे रहेंगे.
थल सेना प्रमुख 15 जनवरी को सेना दिवस से पहले एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.
वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों के बारे में सेना प्रमुख ने कहा कि उत्तरी सीमाओं पर सैनिकों के 'पुन:संतुलन' की जरूरत महसूस की गयी और उसके अनुरूप चीन सीमा पर पर्याप्त ध्यान देने के लिए कदम उठाए गए.
सेना प्रमुख ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत और चीन परस्पर और समान सुरक्षा के प्रयासों के आधार पर सैनिकों की वापसी और तनाव कम करने के लिए एक समझौते पर पहुंच पाएंगे.
उन्होंने कहा, 'मुझे भरोसा है कि बातचीत और चर्चा के जरिए हम परस्पर व समान सुरक्षा पर आधारित समाधान हासिल करेंगे और यह वार्ता से होगा. मैं सकारात्मक स्थिति को लेकर आशान्वित हूं. लेकिन, जैसा मैंने कहा, हम किसी भी दुस्साहसिक चुनौती से निपटने के लिये तैयार हैं.'
सेना प्रमुख ने कहा, 'हम जब तक अपने राष्ट्रीय लक्ष्यों और उद्देश्यों को नहीं प्राप्त कर लेते तब तक पकड़ बनाकर रखने के लिए तैयार हैं.'
सेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय सैनिक न सिर्फ लद्दाख के क्षेत्र में, बल्कि एलएसी से लगे सभी क्षेत्रों में उच्च स्तर की सतर्कता बरत रहे हैं.