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CAA, NRC और NPR के खिलाफ वामपंथी दल करेंगे देशव्यापी प्रदर्शन

CAA और NRC के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के बीच सरकार ने NPR को मंजूरी दे दी है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए वामपंथी दलों ने देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है. इसको लेकर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. जानें उन्होंने क्या कहा...

CPIM against NPR
सीताराम येचुरी

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Published : Dec 26, 2019, 7:58 PM IST

Updated : Dec 26, 2019, 11:43 PM IST

नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के विरोध में अभी प्रदर्शनों का दौर थमा भी नहीं था कि सरकार ने राष्ट्रीय जानसंख्या पंजी (NPR) को कैबिनेट से मंजूरी देते हुए इसके लिए भी प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा कर दी है. ऐसे में वामपंथी दलों ने एक बार फिर से देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है.

एक जनवरी से सात जनवरी तक देश की सभी पांच प्रमुख वामपंथी पार्टियां NRC, CAA, और NPR के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगी.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPI-M) के महासचिव सीताराम येचुरी ने बताया की देश के अलग-अलग राज्यों के 13 मुख्यमंत्रियों ने CAA और NRC को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा है की वो अपने राज्यों में इसे लागू नहीं होने देंगे. इसके अलावा छात्र और आम जनता भी सड़कों पर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही है, लेकिन मोदी सरकार को उनकी आवाजें सुनाई नहीं दे रही हैं.

सीताराम येचुरी का बयान

उन्होंने आगे कहा अभी NPR के विरोध में भी दो दलों ने अपनी बात कही है और खुद एनडीए के कई घटक दलों ने भी अपनी असहमति सार्वजनिक तौर पर जाहिर कर दी है. ऐसे में सरकार को अब विचार करना चाहिए की वह क्या गलत कर रहे हैं.

एक तरफ विपक्ष और छात्र संगठन लगातार लोगों और छात्रों पर हुई पुलिस बर्बरता का मुद्दा उठा रहे हैं, लेकिन पहले गृह मंत्री अमित शाह और अब खुद प्रधानमंत्री ने भी कहीं न कहीं पुलिस करवाई का समर्थन किया. इस पर उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों को विरोध करने का पूरा हक है, लेकिन सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने को सही नहीं ठहराया जा सकता.

पढ़ें-देश की 130 करोड़ आबादी को हिंदू समाज मानता है आरएसएस : भागवत

सीताराम येचुरी ने आगे कहा की छात्र देश का भविष्य हैं और वह शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, जब पुलिस ने उनपर बर्बरता की. अब इसके सुबूत भी सामने आने लगे हैं कि किस तरह पुलिस ही जनता की सांपत्ती को तोड़फोड़ रही थी. शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन सबका अधिकार है, लेकिन सरकार ने इसको भी लगातार दबाने का काम किया है.

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बयान दिया था कि देश के सभी 130 करोड़ लोगों को संघ हिंदू मानता है और उन्हें एक सूत्र में पिरोना चाहता है. इस पर सीताराम येचुरी ने प्रतिकृया देते हुए कहा की अगर एक सूत्र में पिरोना चाहते हैं, तो क्यों देश में मुसलमानों के साथ अत्याचार हो रहा है.

Last Updated : Dec 26, 2019, 11:43 PM IST

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