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बिहार के वह लॉ मेकर्स, जिनके अपराधों से भर गई एफआईआर की कॉपी

'लॉ मेकर्स', जो विधानसभा में राज्य के लिए और संसद में देश के लिए नए-नए कानून लाते हैं. लेकिन जब यही सांसद या विधायक कानून के शिंकजे में हो, तो क्या? पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Oct 20, 2020, 7:18 AM IST

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बिहार के वह लॉ मेकर्स, जिनके अपराधों से भर गई एफआईआर की कॉपी

पटना : नेता, जो चुनाव जीतकर एमएलए या एमपी बनता है और फिर कानून बनाता है. जब वो ही कानून के लपेटे में हो, तो क्या कहा जा सकता है. ऐसे में एमपी-एमएलए पर काफी लंबे समय तक केस लंबित रहते हैं. बिहार और देशभर में ऐसे ही 'लॉ मेकर्स' पर संगीन मामले दर्ज हैं. 10 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों और सांसदों पर लंबित आपराधिक मामलों को लेकर हाई कोर्ट से डेटा मांगा.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने हैरानी जताई. सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान ये बात निकलकर सामने आई कि इस समय पूर्व और वर्तमान सांसदों/विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है. वर्तमान में देशभर में 4 हजार 859 केस दर्ज हैं, जबकि मार्च 2020 में इनकी संख्या 4 हजार 442 थी. इस लिस्ट में यूपी और बिहार में सबसे ज्यादा एमपी-एमएलए पर केस दर्ज हैं. कई मामले 40 साल पुराने हैं.

एससी में सबमिट रिपोर्ट के मुताबिक

  • सांसदों और विधायकों के खिलाफ कुल मामलों की संख्या 4 हजार 859 है.
  • उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 1 हजार 374 मामले हैं.
  • इसके बाद बिहार में 557 और ओडिशा में 445 मामले हैं.

कानून के शिकंजे में बिहार के 'लॉ मेकर्स'
बिहार में विधानसभा चुनाव हैं, ऐसे में उन दागी नेताओं पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं. लिहाजा, कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद इनका जिक्र करना भी जरूरी हो जाता है. चलिए जानते हैं बिहार के ऐसे बड़े लॉ मेकर्स के बारे में, जिनके ऊपर दर्जनों केस चल रहे हैं. इस समय या तो वो जेल में हैं या जमानत पर रिहा हैं.

राजबल्लभ यादव (पूर्व एमएलए -आरजेडी)

फरवरी 2016 को आरजेडी विधायक एक नाबालिग से दुष्कर्म करने के मामले में उनके गृह आवास बिहार शरीफ से गिरफ्तार किया गया. यादव पर 376 और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया. इस समय राजबल्लभ सजायाफ्ता है. उसे उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. 24 नवंबर 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाई कोर्ट से दी गई बेल को रद्द कर दिया था.

राजबल्लभ यादव

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रामा किशोर सिंह ( पूर्व एमपी- एलजेपी)

2014 में वैशाली लोकसभा सीट पर जीत दर्ज कर सांसद बने रामा किशोर सिंह पर हत्या, मर्डर, लूट और रंगदारी जैसे कई संगीन मामले दर्ज हैं. 25 अगस्त 2004 को देसरी थाना के सहदेई बुजुर्ग ओपी क्षेत्र के चकेयाज गांव के चंद्रमा सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. इस हत्याकांड में रामा सिंह को मुख्य आरोपी बनाया गया था. अपराध की सीमा यहीं तक नहीं है.

  • 29 मार्च 2001 को दुर्ग जिले के कुम्हारी से पेट्रोल पंप मालिक जयचंद वैद अपहरण केस के मुख्य आरोपी रहे हैं.
  • 2 फरवरी 1989 को जमशेदपुर के जुगसलाई थाना से कुछ दूरी पर कांग्रेस नेता प्रदीप मिश्रा, आनंद राव और जनार्दन चौबे की हत्या कर दी गई. इस हत्याकांड में रामा सिंह आरोपी रहे.
  • हालांकि, कई मामलों में रामा सिंह को कोर्ट ने बरी कर दिया है.

अनंत सिंह ( मोकामा विधायक)

वर्तमान में मोकामा से निर्दलीय विधायक अनंत सिंह पर हत्या, रंगदारी, लूट और आर्म्स एक्ट जैसे कई संगीन मामले दर्ज हैं. फिलहाल, वो आर्म्स एक्ट मामले में सजायाफ्ता हैं. इस चुनाव अनंत सिंह अपनी सीटिंग सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.

अनंत सिंह

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अनंत सिंह पर दर्ज मामले

  • 08 जनवरी 2008 को संजय नाम के शख्स की हत्या का आरोप
  • 8 फरवरी 2018 को रामजन यादव हत्याकांड के मुख्य आरोपी रहे अनंत सिंह.
  • अगस्त 2004 में छापेमारी करने गई एसआईटी की टीम से मुठभेड़. इस एनकाउंटर में एक पुलिसकर्मी शहीद हो गया.
  • 16 अगस्त 2019 को एके-47 और दो हैंड ग्रेनेड की बरामदगी
  • इस बार नामांकन के दौरान हलफनामे में अनंत सिंह ने अपने ऊपर दर्ज 38 केस का जिक्र किया है.

अरुण यादव (आरजेडी विधायक)

बिहार के भोजपुर जिले की संदेश विधानसभा सीट से विधायक अरुण यादव पर नाबालिग लड़की से दुष्कर्म और देह व्यापार का मामला दर्ज है. इसके बाद से अरुण यादव फरार है. पुलिस लगातार उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है.

अरूण यादव

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आनंद मोहन सिंह (पूर्व सांसद)

लॉ मेकर्स का कानून के शिकंजे में फंसे होने की फेहरिस्त में एक नाम आनंद मोहन सिंह का भी आता है. आनंद मोहन सिंह 14 साल से सहरसा जेल में बंद हैं. उनके ऊपर 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी. कृष्णैया की हत्या का आरोप लगाया गया. आनंद मोहन दो बार सांसद रह चुके हैं. उनकी गिनती बाहुलबलियों में की जाती है.

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सूरजभान सिंह (एलजेपी नेता)

बिहार की जरायम की दुनिया में एक नाम आता है सूरजभान सिंह का. 2000 विधानसभा चुनाव में निर्दलीय विधायक बने सूरजभान, 2004 में एलजेपी से सांसद चुने गये. लेकिन उससे पहले उनके ऊपर कई मामले दर्ज किये गये.

सूरजभान सिंह

रामी सिंह हत्याकांड के मुख्य आरोपी
जनवरी 1992 को बिहार के बेगूसराय के मधुरापुर गांव की रामी सिंह की हत्या के मुख्य आरोपी सूरजभान थे. निचली कोर्ट ने सूरजभान को अजीवन कारावास की सजा सुनाई.

पूर्व मंत्री बृज बिहारी हत्याकांड
3 जून 1998 को राबड़ी देवी सरकार के तत्कालीन विज्ञान और प्रोद्यौगिकी विभाग मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की हत्या कर दी गई. इस हत्याकांड में यूपी को डॉन श्री प्रकाश शुक्ला के साथ सूरजभान सिंह को भी अभियुक्त बनाया गया.

  • निचली अदालत ने सूरजभान को 2009 में आजीवन कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई लेकिन बाद में वो बरी हो गए.

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उमेश यादव हत्याकांड
साल 2003 में मोकामा के पूर्व जिला पार्षद और कुख्यात अपराधी उमेश यादव की हत्या कर दी गई. इस हत्याकांड में उमेश के परिजनों ने सूरजभान को आरोपी बनाया. लेकिन सुनवाई के बाद सूरजभान बरी हो गया.सूरजभान सिंह पर 50 ले ज्यादा धाराओं के तहत यूपी और बिहार में मामले दर्ज हैं. फिलहाल, वो जेल में है.

मोहम्मद शहाबुद्दीन ( पूर्व आरजेडी सांसद)

बिहार में अपराध और बाहुबलियों का जिक्र हो और मोहम्मद शहाबुद्दीन का नाम ना आए, ऐसा हो नहीं सकता. तेजाब हत्याकांड मामले के अलावा शहाबुद्दीन पर कई संगीन अपराध दर्ज हैं. सिवान से आरजेडी सांसद रहे मो. शहाबुद्दीन आज सजायाफ्ता है.

मो. शहाबुद्दीन

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  • 2007 में छोटेलाल अपहरण कांड में उम्र कैद की सजा हुई
  • 2008 में विदेशी पिस्तौल रखने के मामले में 10 साल की सजा
  • 1996 में एसपी एसके सिंघल पर गोली चलाई थी, 10 साल की सजा
  • 1998 में माले कार्यालय पर गोली चलाई थी, दो साल की सजा हुई
  • 2011 में सरकारी मुलाजिम राजनारायण के अपहरण मामले में 3 साल की सजा
  • 03 साल की सजा हुई है चोरी की बाइक की बरामदगी में
  • 01 साल की सजा हुई जीरादेई में थानेदार को धमकाने के मामले में
  • सीवान के तेजाब कांड में उम्रकैद की सजा

सुरेंद्र प्रसाद यादव (पूर्व सांसद और विधायक)

7 बार बेलागंज विधानसभा सीट के विधायक और लोकसभा सांसद रहे सुरेंद्र प्रसाद पर तीन दर्जन से ज्यादा आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, जिसमें हत्या से प्रयास, आपराधिक साजिश से लेकर दंगे तक शामिल हैं.

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  • गया कलेक्ट्रेट के पास उस पर 1991 के संसदीय चुनावों के दौरान एक पूर्व विधायक जय कुमार पलित को कथित तौर पर पीटने का आरोप.
  • दबंगी का अंदाज सदन में भी दिखाया, जब साल 1998 में जहानाबाद लोकसभा सीट से 13 महीने तक सांसद रहे में सुरेंद्र ने सदन में तत्कालीन उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के हाथों से महिला आरक्षण बिल की कॉपी लेकर फाड़ दी.
  • साल 2002 में अतुल प्रकाश कस्टोडियल किडनैपिंग मामले में कथित आरोपी.
  • 2005 चुनाव के दौरान बूथ कैप्चरिंग का आरोप

नरेंद्र कुमार पांडेय उर्फ सुनील पांडेय (पूर्व जेडीयू विधायक)

दागी नेताओं में नरेंद्र कुमार पांडेय उर्फ सुनील पांडेय का नाम भी आता है. चार बार विधायक रहे सुनील पांडेय जेडीयू के सांसद रह चुके हैं. 2010 में चुनावी हलफनामे के मुताबिक उनके ऊपर 23 मामले दर्ज थे.

नरेंद्र कुमार पांडेय उर्फ सुनील पांडेय

मुख्य आरोप
पटना से 17 मई 2003 को मशहूर न्यूरो सर्जन डॉ रमेश चंद्रा का अपहरण मामले में सुनील पांडेय को आरोपी बनाया गया. इस मामले की सुनवाई 5 साल तक चली. आखिर में 2008 को उन्हें सजा सुनाई गई.

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पत्रकार को धमकी देने का मामला
28 जून 2006. सुनील पांडेय बिहार की राजधानी पटना स्थित मौर्या होटल गये. यहां उन्होंने होटल का पैसा देने से मना कर दिया. इसपर वहां मौजूद पत्रकार ने जब सवाल किया तो, पांडेय ने पत्रकार को जान से मारने की धमकी दे दी. ये मामला टीवी चैनलों में जोरों से चलने लगा. लिहाजा, नीतीश कुमार ने उन्हें अपनी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया.

आरा कोर्ट बम ब्लास्ट
23 जनवरी 2015 को आरा के सिविल कोर्ट में बम ब्लास्ट में दो की मौत हो गई. इस मामले में सुनील पांडेय को आरोपी बनाया गया. सबूतों की कमी के चलते सुनील को 17 अगस्त 2019 को बरी कर दिया गया.

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रणवीर यादव (पूर्व आरजेडी एमएलए)

साल 1985 में खगड़िया के लक्ष्मीपुर-तौफीर दियारा में भीषण नरसंहार हुआ था और इसमें 9 लोगों की हत्या हुई थी. इस मामले में रणवीर यादव को मुख्य दोषी पाया गया और उन्हें उम्रकैद की सजा मिली. रणवीर यादव जेल में इसकी सजा काट चुके हैं. रणवीर यादव पर रंगदारी, हत्या का प्रयास, लोगों को धमकाने समेत दर्जनों मामले थाने में दर्ज हैं और अभी इनपर कोर्ट का फैसला आना बाकी है. रणवीर यादव वही नेता हैं, जिन्होंने सीएम नीतीश कुमार के सामने फायरिंग की.

रणवीर यादव

रीतलाल यादव (आरजेडी नेता)

चुनावी हलफनामे के मुताबिक बाहुबली रीतलाल यादव के खिलाफ 33 से ज्यादा अपराधिक मामले दर्ज हैं. हत्या, हत्या की धमकी, डकैती, और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आपराधिक कृत्यों में नाम आने के बाद चार सितंबर 2010 को बंदी बनाया गया.

रीतलाल यादव

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साल 2012 में प्रवर्तन निदेशालय ने रीतलाल यादव के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज किया था जिसके बाद उन्हें जेल जाना पड़ा था. वो कई सालों से पटना की बेऊर जेल में बंद थे.

पप्पू यादव (पूर्व सांसद-मधेपुरा)

जन अधिकार पार्टी संरक्षक पप्पू यादव बिहार के मधेपुरा के पूर्व सांसद हैं. 14 जून 1998 तो पूर्वी सीपीआई(माले) विधायक अजीत सरकार की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस मामले में पप्पू यादव को मुख्य आरोपी बनाया गया. पकड़े जाने के बाद पप्पू को सिक्किम जेल में रखा गया, बाद में उन्हें बेऊर जेल ट्रांसफर किया गया. सीबीआई के पास पहुंचे इस हत्याकांड के मामले के बाद पप्पू यादव को तिहाड़ जेल ले जाया गया. सबूतों के अभाव के चलते 2008 में पप्पू यादव को रिहा कर दिया गया.

पप्पू यादव

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