हैदराबाद :प्रवासी भारतीय दिवस मनाने का उद्देश्य उन प्रवासी भारतीयों को मान्यता देना है, जिन्होंने भारत के विकास में योगदान दिया है. प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार साल 2003 में मनाया गया था. कोरोना वायरस के खिलाफ दुनियाभर में जारी जंग के बीच 16वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन नौ जनवरी को आयोजित किया जाएगा. इस बार यह सम्मेलन ऑनलाइन माध्यम से आयोजित किया जा रहा है.
जब भी देश में प्रवासी भारतीय दिवस या एनआरआई नाम सुनने में आता है, तो खास अंदाजा लग जाता है कि ये दिन उन लोगों के लिए बहुत महत्व रखता है, जो भारत से बाहर देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
प्रवासी भारतीय दिवस उनके लिए भी सबसे खास होता है, क्योंकि देश के बाहर रह रहे लोग विदेश में रहकर भी भारत का नाम रोशन करते हैं. इस दिवस का मुख्य उद्देश्य भारत के विकास में प्रवासी भारतीयों के योगदान को पहचान दिलाने से है. इस मौके पर प्रत्येक साल भारत सरकार अमूमन तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन करती है.
दस गैर निवासी भारतीय (एनआरआई) दुनिया भर में जिन्होंने भारत का सिर ऊंचा किया है.
सुंदर पिचाई
सुंदर पिचाई (पिचाई सुंदराजन) अमेरिकी व्यवसायी हैं, जो अल्फाबेट कंपनी के सीईओ और उसकी सहायक कंपनी गूगल एलएलसी के सीईओ हैं. वे भारत में जन्मी एक विश्व-स्तरीय हस्ती हैं. सुंदर पिचाई की कुल सैलरी 2018 में US $ 1,881,066 के आसपास थी. भारत के चेन्नई में जन्मे पिचाई ने मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग (metallurgical engineering) में आईआईटी (IIT) खड़गपुर से डिग्री हासिल की.
सत्या नडेला
विश्व की प्रमुख सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के प्रमुख कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हैं, जिनका जन्म हैदराबाद में हुआ था. 1992 में माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) में शामिल होने से पहले उन्होंने प्रौद्योगिकी कर्मचारियों के एक सदस्य के रूप में काम किया था. वह सीईओ बनने से पहले क्लाउड एंड एंटरप्राइज ग्रुप (Cloud & Enterprise Group) के कार्यकारी उपाध्यक्ष और माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन (Microsoft Corporation) में सर्वर एंड टूल्स के अध्यक्ष थे. उन्होंने क्लाउड के बुनियादी ढांचे और सेवाओं के व्यवसाय में परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
मनु प्रकाश
मनु का जन्म उत्तरप्रदेश के मेरठ में हुआ था, उन्होंने अपने मास्टर्स और पीएचडी के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका जाने से पहले कानपुर में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान से कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में बीटेक पूरा किया. वर्तमान में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में बायोइंजीनियरिंग (Bioengineering) के सहायक प्रोफेसर मनु अपने सुपर कूल आविष्कारों के लिए प्रसिद्ध हैं. आविष्कारों में एक तह योग्य माइक्रोस्कोप, द फोल्डस्कोप शामिल है, जो ए फोर आकार के कागज की एक शीट का उपयोग कर उसे आसानी से मोड़ सकती है. इस माइक्रोस्कोप की लागत केवल 50 सेंट (या 30 रुपये) है. उन्होंने हाल ही में एक कंप्यूटर का आविष्कार भी किया, जो पानी पर चलता है. उन्होंने चलती हुई पानी की बूंदों के अनोखे भौतिकी का उपयोग एक ऐसी घड़ी को डिजाइन करने के लिए किया, जिसकी कंप्यूटर में आवश्यकता होती है.
नरिंदर सिंह कपानी
पंजाब में जन्मी यह प्रतिभा फाइबर ऑप्टिक्स (fibre optics) के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए जाने जाते हैं. ये एक भारतीय मूल के अमेरिकी भौतिक विज्ञानी हैं, जो फाइबर ऑप्टिक्स में अपने काम के लिए जाने जाते हैं. फॉर्च्यून मैगज़ीन ने अपने 'बिजनेसमैन ऑफ द सेंचुरी' (Businessmen of the Century) अंक में उन्हें सात 'अनसंग हीरोज' (Unsung Heroes) (ऐसे नायक जिनकी उतनी प्रशंसा नहीं होती, जितनी होनी चाहिए) में से एक के रूप में नामित किया गया था. उन्हें फाइबर ऑप्टिक्स का पितामह माना जाता है.
सलमान रुश्दी
मुंबई में जन्मे 67 वर्षीय कश्मीरी भारतीय लेखक अंग्रेजी साहित्य में अपने योगदान के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने 1981 में अपने दूसरे उपन्यास मिडनाइट्स चिल्ड्रन (Midnight’s Children) से प्रसिद्धि प्राप्त की, जिसे 1981 में बुकर पुरस्कार मिला. उन्होंने उसी उपन्यास के लिए 1993 में बुकर ऑफ बुकर पुरस्कार भी जीता. 2008 में द टाइम्स ने 1945 के बाद से 50 महानतम ब्रिटिश लेखकों की सूची में उन्हें 13वां स्थान दिया. उन्होंने विज्ञापन एजेंसी ओगिल्वी एंड माथर के साथ एक कॉपीराइटर के रूप में अपना करियर शुरू किया.
विनोद खोसला
फोर्ब्स पत्रिका द्वारा एक अरबपति के रूप में सूचीबद्ध, खोसला सन माइक्रोसिस्टम्स की सह-संस्थापकों में से एक है, एक कंपनी जिसने जावा प्रोग्रामिंग भाषा और नेटवर्क फाइल सिस्टम बनाया. बाद में उन्होंने अपनी खुद की कंपनी खोसला वेंचर्स का गठन किया. उनका जन्म दिल्ली में हुआ था और उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली में भाग लिया. खोसला ने इथेनॉल कारखानों, सौर-ऊर्जा पार्कों आदि जैसी विभिन्न 'ग्रीन' पहल के लिए अपनी व्यक्तिगत संपत्ति का लगभग 450 मिलियन डॉलर का कारोबार किया है.
पान नलिन
यह पुरस्कार विजेता फिल्म निर्देशक, पटकथा लेखक और वृत्तचित्र निर्माता गुजरात में पैदा हुये थे. यह अपनी अद्भुत व पुरस्कार विजेता फिल्मों जैसे संसार, फूलों की घाटी और आयुर्वेद: आर्ट ऑफ बीइंग के लिए जाने जाते हैं. अपनी पहली फिल्म संसार की रिलीज के कुछ समय बाद ही उन्हें अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हुई, जिसके बाद उन्हें 30 से अधिक अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा गया. उनकी अन्य फीचर फिल्म वैली ऑफ फ्लॉवर्स 35 देशों में पहले से फ्रेम में थी और इसे एक बड़ी हिट माना जाता है.
वेंकटरामन रामकृष्णन
तमिलनाडु के चिदंबरम में जन्मे वेंकटरामन रामकृष्णन 'वेंकी' संरचनात्मक जीव वैज्ञानिक हैं. इन्हें 2009 के रसायन विज्ञान के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया, उन्हें यह पुरस्कार कोशिका के अंदर प्रोटीन का निर्माण करने वाले राइबोसोम की कार्यप्रणाली व संरचना के उत्कृष्ट अध्ययन के लिए दिया गया. इनकी इस उपलब्धि से कारगर प्रतिजैविकों को विकसित करने में मदद मिलेगी. इसराइली महिला वैज्ञानिक अदा योनोथ और अमरीका के थॉमस स्टीज को भी संयुक्त रूप से इस सम्मान के लिए चुना गया.