नई दिल्ली : प्रवासियों के हिमायती एक संगठन ने केंद्र से आग्रह किया है कि वह विशेष प्रावधानों के साथ चालू वित्तीय वर्ष में कश्मीरी पंडितों के भौतिक और आर्थिक पुनर्वास के लिए तुरंत तीन लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित करे. प्रवासियों की वापसी, सुलह व पुनर्वास मामलों से संबंधित समिति के अध्यक्ष सतीश महालदार ने केंद्र सरकार से कश्मीर घाटी के 10 जिलों में कश्मीरी पंडितों के भौतिक पुनर्वास के लिए तुरंत जमीन के संबंध में अधिसूचित करने को कहा है.
पत्र में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि इस वर्ष के बजट 'जम्मू-कश्मीर बजट, 2020' में कश्मीरी पंडितों के लिए उनके भौतिक और आर्थिक पुनर्वास, राहत और कल्याण के लिए कुछ भी नहीं है. पत्र में कहा गया, 'हमें लगता है कि हमें धोखा दिया गया है. हमारे संवैधानिक और मौलिक अधिकारों को सुनिश्चित और संरक्षित नहीं किया गया है.'
वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान बजट में, 1705 करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से 45 लाख लाभार्थियों को दिए गए हैं. 60,000 नए पेंशन मामले प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से कवर किए जाएंगे. महालदार ने कहा, 'लेकिन, आज तक एक भी कश्मीरी पंडित को इस योजना के तहत कोई लाभ नहीं मिला है.'
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में कहा कि कश्मीरी पंडित प्रवासियों का पुनर्वास उनके संसदीय क्षेत्र के अनुसार उनके प्रवासी कार्ड के आधार पर किया जाना चाहिए.