बेंगलुरू: कर्नाटक में रिसॉर्ट की राजनीति की वापसी हो गई है. सत्ताधारी कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन और विपक्षी दल भाजपा विधानसभा में संभावित विश्वास मत के पहले अपने विधायकों पर नजर रखे हुए हैं. उन्हें विधायकों की खरीद-फरोख्त की आशंका है.
रिसॉर्ट की राजनीति (सौ.एएनआई) कांग्रेस के 79 विधायकों में से 13 विधायकों ने विधानसभा से अपना इस्तीफा दे दिया है. कांग्रेस ने अपने करीब 50 विधायकों को नगर के बाहरी इलाके स्थित क्लार्क एक्जॉटिका कन्वेंशन रिसॉर्ट भेज दिया है.
वहीं, सिद्धरमैया, उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर और अन्य मंत्री नगर स्थित अपने आवास में ठहरे हुए हैं.
बेंगलुरू के बाहर और आसपास के इलाके के विधानसभा क्षेत्रों से आने वाले विधायकों को रिसॉर्ट भेजा गया है हालांकि कई विधायक विधानसभा भवन के पीछे सिटी सेंटर स्थित विधान सौध में ठहरे हुए हैं.
कांग्रेस प्रवक्ता रवि गौड़ा ने बताया, 'भारतीय जनता पार्टी ने अपने ऑपरेशन कमल के तहत गठबंधन सरकार को अस्थिर करने के लिए पहले ही करीब एक दर्जन विधायकों पर डोरा डाल रखा है. हमने पार्टी के करीब 50 विधायकों को नगर के बाहर क्लार्क एक्जॉटिका कन्वेंशन रिसॉर्ट भेज दिया है.'
जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) भी नंदी पहाड़ी के समीप गोल्फशायर रिसॉर्ट में अपने करीब 30 विधायकों पर नजर बनाए हुए है. जेडीएस के तीन विधायकों के इस्तीफा देकर छह जुलाई को मुंबई चले जाने के बाद सात जुलाई से ये विधायक रिसॉर्ट में ठहरे हुए हैं.
पढ़ें:कर्नाटक में शक्ति परीक्षण : CM कुमारस्वामी तैयार, स्पीकर से समय तय करने को कहा
भाजपा के प्रवक्ता जी. मधुसूदन ने बताया, 'हमें अपने विधायकों को एक रिसॉर्ट भेजने को बाध्य होना पड़ा है ताकि उनसे एक जगह परामर्श व विचार-विमर्श किया जा सके और उन्हें कांग्रेस व जेडीएस के किसी नेता से बातचीत करने से रोका जा सके.'