नई दिल्ली : देश के सभी वामदलों और उनसे जुड़ी ट्रेड यूनियन, मजदूर यूनियन और किसान संगठनों ने आज एक दिवसीय भारत बंद का एलान किया था. भारत बंद का असर भी देशभर में देखने को मिला और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी सभी संगठनों और वामदलों ने जुलूस निकालकर सांकेतिक विरोध जताया.
दिल्ली में हुए विरोध प्रदर्शन में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार भी पहुंचे थे. कन्हैया ने प्रदर्शन के दौरान अपने चिर परिचित अंदाज में आजादी के नारे लगाए और फिर प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को सीधे-सीधे निशाने पर लिया.
कन्हैया कुमार ईटीवी भारत से बात करते हुए. ईटीवी भारत ने भारत बंद और जेएनयू की हालिया घटनाओं पर कन्हैया कुमार से विशेष बातचीत की. बातचीत में कन्हैया कुमार ने बताया कि देश में सब कुछ ठीक से हो, मजदूरों को उनका हक मिले, किसानों को उनकी फसल का सही दाम मिले, छात्रों को सही शिक्षा का अधिकार मिले और युवाओं को रोजगार मिले, इसलिए एक दिन की हड़ताल कर मोदी सरकार को एक संदेश पहुंचाने का काम किया गया है.
कन्हैया कुमार ईटीवी भारत से बात करते हुए. इसे भी पढ़ें- ट्रेड यूनियनों का भारत बंद, बंगाल में दो गुट आपस में भिड़े
जेएनयू हिंसा एक बहुत बड़ी साजिश
वही जेएनयू प्रकरण को एक बहुत बड़ी साजिश करार देते हुए कन्हैया कुमार ने सीधे-सीधे मोदी सरकार और मानव संसाधन मंत्रालय को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया. एकतरफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता जेएनयू हिंसा के लिए जहां वाम छात्र संगठनों को जिम्मेदार ठहरा रहे है, वहीं दूसरी तरफ कन्हैया कुमार ने इसके पलट अपने ही तर्क दिए.
कन्हैया ने कहा कि वह किसी तरह की हिंसा में विश्वास नहीं रखते और आज जब देश में भाजपा का राज है तो ज्यादा ताकतवर उनसे संबंधित छात्र संगठन है. हिंसा हमेशा वे करते हैं, जो ज्यादा ताकतवर होते हैं और जहां तक लेफ्ट दलों का सवाल है, वे कभी भी किसी भी तरह की हिंसा का समर्थन नहीं करते हैं. जेएनयू फीस वृद्धि मामले पर कन्हैया कुमार ने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय कहता है कि जेएनयू के वाइस चांसलर और जेएनयू प्रशासन फीस वृद्धि के फैसले को वापस लेने के लिए तैयार नहीं है.
इसे भी पढ़ें- जेएनयू हिंसा ABVP के खिलाफ बनाई हुई रणनीति : श्रीनिवास
इसपर सवाल उठाते हुए कन्हैया कुमार ने कहा कि जब सरकार और मंत्रालय चाहे तो ऐसा कैसे हो सकता है कि किसी भी विश्वविद्यालय का प्रशासन या उसके वीसी उस फैसले को मानने से इनकार कर दे. कन्हैया ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार जान बूझकर जेएनयू के मुद्दे को गर्म रखना चाहती है ताकि दिल्ली के चुनाव में इसका फायदा उठाया जा सके.