लखनऊ :उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के डॉ. कफील खान ने योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ अपनी लड़ाई को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचा दिया है. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में सीएए के विरोध में देश विरोधी भाषण देने के मामले में रासुका के तहत छह महीने तक जेल में बंद रहे डॉ. कफील खान को हाल ही में जेल से रिहा किया गया है और वह जयपुर में रह रहे हैं.
खान ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (यूएनएसआरसी) को एक पत्र लिखकर भारत में अंतरराष्ट्रीय मानव सुरक्षा मानकों के व्यापक उल्लंघन और असहमति की आवाज को दबाने के लिए एनएसए और यूएपीए जैसे सख्त कानूनों के दुरुपयोग किए जाने की बात कही है.
अपने पत्र में खान ने संयुक्त राष्ट्र के इस निकाय को शांतिपूर्ण तरीके से सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किए जाने के बाद उनके मानवाधिकारों की रक्षा करने के लिए भारत सरकार से आग्रह करने के मसले पर धन्यवाद दिया और यह भी कहा कि सरकार ने उनकी अपील नहीं सुनी.
खान ने लिखा मानव अधिकार के रक्षकों के खिलाफ पुलिस शक्तियों का उपयोग करते हुए आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा कानूनों के तहत आरोप लगाए जा रहे हैं. इससे भारत का गरीब और हाशिए पर रहने वाला समुदाय प्रभावित होगा.