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के 4 : जद में आधा चीन, पूरा पाकिस्तान, जानें अन्य खासियत - परमाणु मिसाइल

भारत ने 19 जनवरी को 3500 किमी दूरी से वार करने वाली के-4 एसएलबीएम (सबमरीन लॉच्ड बैलिस्टिक मिसाइल) का आंध्रप्रदेश के तट से पहला और 24 जनवरी को दूसरा सफल परीक्षण किया. यह परीक्षण सभी तकनीकी पैमानों पर खरा उतरा है. के-4 की सर्क्यूलर एरर प्रोबेबिलिटी (सीईपी) चीन के मुकाबले में काफी आधुनिक है.

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Published : Jan 25, 2020, 12:34 PM IST

Updated : Feb 18, 2020, 8:40 AM IST

नई दिल्ली : भारत ने विशाखापत्तनम के तट से 3,500 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली के-4 एसएलबीएम (सबमरीन-लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल) का सफल परीक्षण किया. पिछले छह दिनों में यह बैलिस्टिक मिसाइल का दूसरा सफल परीक्षण है.

भारत ने किसी दुश्‍मन देश के परमाणु हमले के बाद अपनी जवाबी हमले की क्षमता में कई गुना की बढ़ोत्‍तरी कर ली है. यह मिसाइल 3500 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है. इस मिसाइल की जद में अब पूरा पाकिस्‍तान और आधा चीन आ गया है.

के-4 मिसाइल की खासियत :

इंफोग्रॉफिक्स
  • के-4 मिसाइल दुश्‍मन के जासूसी सैटलाइट या निगरानी विमानों की पकड़ में नहीं आएगी.
  • दुश्मन को परमाणु पनडुब्बियों की सही स्थिति का अंदाजा नहीं होता है, इसलिए निशाना नहीं बनाया जा सकता है.
  • इस मिसाइल को भारतीय नौसेना के स्वदेशी आईएनएस अरिहंत-श्रेणी के परमाणु-संचालित सबमरीन (पनडुब्बी) पर तैनात किया जाएगा.
  • आईएनएस अरिहंत 83 मेगावॉट क्षमता वाले लाइट वॉटर रिएक्टर से चलती है.
  • के-4 के सफल परीक्षण के बाद अब भारत ने अब अपने दो सबसे बड़े दुश्‍मन देशों पाकिस्‍तान और चीन को निशाना बनाने की क्षमता हासिल कर ली है.
  • के-4 मिसाइल से पाकिस्तान और चीन के औद्योगिक इलाकों को निशाना बनाया जा सकता है.
  • भारत छह देशों के क्लब में शामिल हो गया है, जिनके पास जमीन, हवा और पानी के अंदर से परमाणु मिसाइल दागने की क्षमता है.
  • 700 किलोमीटर तक मारक क्षमात वाली बीओ-5 के बाद अब के-4 मिसाइल से भारत की समुद्र में ताकत बढ़ गई है.
  • इस पनडुब्‍बी पर अभी के-15 सबमरीन लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) तैनात की गई है, जिसकी मारक क्षमता 750 किमी है.
  • इस सबमरीन (पनडुब्बी से छोड़े जाने वाली) मिसाइल को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने तैयार किया है.
  • इसके बाद भारत न्यूक्लियर ट्रायड की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ गया है.
  • भारत ने न्यूक्लियर ट्रायड यानी जमीन, हवा और समुद्र तीनों जगह से परमाणु मिसाइलें दागने की क्षमता हासिल कर ली है.
    इंफोग्रॉफिक्स

क्या होती है बैलिस्टिक मिसाइल
जब किसी मिसाइल के साथ दिशा बताने वाला यंत्र लगा दिया जाता है, तो वह बैलिस्टिक मिसाइल बन जाती है. इस मिसाइल को जब अपने स्थान से छोड़ा जाता है या दागा जाता है तो यह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण नियम के अनुसार अपने पूर्व निर्धारित लक्ष्य पर जाकर गिरती है. ऐसी मिसाइलों में बहुत बड़ी मात्रा में विस्फोटकों को ले जाने की क्षमता होती है. भारत के पास पृथ्वी, अग्नि, और धनुष जैसी बैलिस्टिक मिसाइलें हैं.

Last Updated : Feb 18, 2020, 8:40 AM IST

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