दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

अयोध्या मामले पर फैसला सुनाने वाले जस्टिस नजीर को Z श्रेणी सुरक्षा

जस्टिस नजीर अयोध्या फैसला सुनाने वाली पीठ का हिस्सा रहे जस्टिस एस अब्दुल नजीर को गृहमंत्रालय Z श्रेणी सुरक्षा प्रदान करेगा.

By

Published : Nov 17, 2019, 8:44 PM IST

Updated : Nov 17, 2019, 11:40 PM IST

डिजाइन फोटो

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने जस्टिस एस अब्दुल नजीर को 'Z' श्रेणी सुरक्षा प्रदान करने का फैसला किया है. जस्टिस नजीर अयोध्या फैसला सुनाने वाली पीठ का हिस्सा थे.

इससे पहले उनके परिवार को पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की ओर से धमकियां मिल रही थीं.

सुरक्षा एजेंसियों की ओर से जस्टिस नजीर और उनके परिवार की जान को खतरा होने की चोतावनी के बाद गृह मंत्रालय ने केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और स्थानीय पुलिस को निर्देश दिया है कि जस्टिस नजीर और उनके परिवार को सुरक्षा प्रदान करें.

एक आधिकारिक बातचीत के अनुसार, सुरक्षा एजेंसियों के चेतावनी मिलने के बाद पीएफआई और अन्य संगठनों से खतरे के मद्देनजर सुरक्षा बल और स्थानीय पुलिस, कर्नाटक और देश के अन्य हिस्सों में न्यायमूर्ति नजीर और उनके परिवार के सदस्यों को Z श्रेणी की सुरक्षा देगी.

जस्टिस नजीर को सुरक्षा देने के लिए अर्धसैनिक बल और पुलिस के 22 कर्मीयों को 'Z' श्रेणी के सुरक्षा कवच देने के लिए एस्कॉर्ट किया है.

बता दें कि 9 नवंबर को, सुप्रीम कोर्ट ने 2.77 एकड़ भूमि पर राम मंदिर के निर्माण का आदेश दिया और उत्तर प्रदेश के अयोध्या में एक मस्जिद के निर्माण के लिए सरकार को 5 एकड़ भूमि प्रदान करने का निर्देश दिया.

पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट में हमेशा मेरा अंश रहेगा : CJI रंजन गोगोई

रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद को स्थगित करने के अलावा, जस्टिस नजीर सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने 2017 में तत्काल ट्रिपल तालक को असंवैधानिक घोषित किया था.

उपलब्ध जानकारी के अनुसार, 61 वर्षीय न्यायमूर्ति नजीर को पहली बार 1983 में कर्नाटक उच्च न्यायालय में एक वकील के रूप में नामांकित किया गया था. बाद में उन्हें 2003 में उच्च न्यायालय में एक अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया. न्यायमूर्ति नजीर को 17 फरवरी, 2017 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था.

Last Updated : Nov 17, 2019, 11:40 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details