नई दिल्ली : मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली विशेष पीठ ने शनिवार को अयोध्या भूमि विवाद पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया. यह बेंच आगामी 17 नवम्बर को सीजेआई गोगोई की सेवानिवृत्ति से पहले चार और महत्वपूर्ण मामलों पर फैसला सुना सकती है.
मुख्य न्यायाधीश गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ अभी एक और राजनीतिक संवेदनशील मामले में फैसला सुनाएगी. यह मामला देश के सबसे अत्याधुनिक फाइटर जेट राफेल की खरीद से जुड़ा है.
बता दें कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 14 दिसम्बर, 2018 को मोदी सरकार को क्लीन चिट दे दी थी. हालांकि, इस फैसले पर याचिका दायर कर पुर्नविचार करने की मांग की गयी है.
इसके साथ राफेल मामले के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ राहुल गांधी द्वारा की 'चौकीदार चोर है' टिप्पणी भी शामिल है और इसे कोर्ट में गलत तरीके से पेश करने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक अवमानना कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका दायर की गयी थी. पीठ इस मामले पर भी अपना फैसला सुनाएगी.
न्यायमूर्ति गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ केरल के सबरीमाला मंदिर मामले पर भी फैसला सुनाएगी. इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने पहले सभी उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी थी. इस फैसले पर भी याचिका दायर कर पुर्नविचार करने की मांग की गयी है.