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CJI गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ अगले हफ्ते दे सकती है चार प्रमुख मामलों पर फैसला

देश के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई 17 नवम्बर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं. उससे पहले उनकी अध्यक्षता वाली पीठ चार महत्वपूर्ण मामलों पर फैसला सुना सकती है. इन मामलों में सबरीमाला मंदिर विवाद, राफेल विवाद, चौकीदार चोर है, और सुप्रीम कोर्ट का कार्यालय आरटीआई के दायरे में आएगा या नहीं शामिल है. जानें पूरा विवरण....

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ( फाइल फोटो)

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Published : Nov 9, 2019, 10:07 PM IST

Updated : Nov 10, 2019, 5:44 PM IST

नई दिल्ली : मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली विशेष पीठ ने शनिवार को अयोध्या भूमि विवाद पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया. यह बेंच आगामी 17 नवम्बर को सीजेआई गोगोई की सेवानिवृत्ति से पहले चार और महत्वपूर्ण मामलों पर फैसला सुना सकती है.

मुख्य न्यायाधीश गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ अभी एक और राजनीतिक संवेदनशील मामले में फैसला सुनाएगी. यह मामला देश के सबसे अत्याधुनिक फाइटर जेट राफेल की खरीद से जुड़ा है.

ये हैं अहम मामले, देखें वीडियो

बता दें कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 14 दिसम्बर, 2018 को मोदी सरकार को क्लीन चिट दे दी थी. हालांकि, इस फैसले पर याचिका दायर कर पुर्नविचार करने की मांग की गयी है.

इसके साथ राफेल मामले के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ राहुल गांधी द्वारा की 'चौकीदार चोर है' टिप्पणी भी शामिल है और इसे कोर्ट में गलत तरीके से पेश करने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक अवमानना कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका दायर की गयी थी. पीठ इस मामले पर भी अपना फैसला सुनाएगी.

न्यायमूर्ति गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ केरल के सबरीमाला मंदिर मामले पर भी फैसला सुनाएगी. इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने पहले सभी उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी थी. इस फैसले पर भी याचिका दायर कर पुर्नविचार करने की मांग की गयी है.

पढ़ें :अयोध्या भूमि विवाद : संक्षेप में समझें फैसले के अहम बिंदु

गत चार अप्रैल को न्यायाधीश गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने तीन याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.

बता दें कि यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के महासचिव और दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी द्वारा दायर की गयी थी. इस याचिका में पूछा गया है क्या सुप्रीम कोर्ट का कार्यालय सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) के दायरे में आएगा?

पढ़ें :17 नवंबर को CJI होंगे सेवानिवृत्त, इससे पहले कई अहम मामलों पर सुना सकते हैं फैसला

राफेल मामले में पड़ी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट फैसला करेगा. इसमें पूर्व केद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और कार्यकर्ता वकील प्रशांत भूषण द्वारा दायर एक याचिका भी शामिल है.

बता दें कि राफेल खरीद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार को पिछले साल 14 दिसम्बर को क्लीन चिट दे दी थी. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस फैसले पर पुर्नविचार की मांग की गयी है.

Last Updated : Nov 10, 2019, 5:44 PM IST

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