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नड्डा बने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, बिलासपुरवासियों में जगी उम्मीद की नई किरण

बिलासपुर के विजयपुर गांव से ताल्लुक रखने वाले जेपी नड्डा का राजनीतिक सफर छात्र राजनीति से शुरू हुआ. जेपी नड्डा के बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर बिलासपुरवासियों को जिले के विकास की नई उम्मीद जगी है. पढ़ें पूरी खबर.

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Published : Jan 21, 2020, 12:11 AM IST

Updated : Feb 17, 2020, 7:58 PM IST

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जेपी नड्डा

शिमला : हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के एक छोटे से गांव विजयपुर से ताल्लुक रखने वाले जगत प्रकाश नड्डा सोमवार को विश्व की सबसे बड़े राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए. बिलासपुर से सैकड़ों लोग पिछले दो दिन से दिल्ली की ओर जा रहे हैं.

अपने चहेते नेता को पार्टी के शीर्ष पर पहुंचता देख हर किसी को गर्व महसूस हो रहा है. केंद्र सत्ता में देश के स्वास्थ्य मंत्री का सफलता से पद संभाल चुके जेपी नड्डा ने प्रदेश को बड़ी सौगातें प्रदान कर हिमाचल का नाम अग्रणी राज्यों में शामिल किया है.

बिलासपुर में एम्स प्रोजेक्ट इसका एक उदाहरण है. बिलासपुर के छोटे से गांव विजयपुर के निवासी जगत प्रकाश नड्डा ने छात्र राजनीति से अपने राजनीतिक करिअर की शुरुआत की. खुद को केंद्रीय राजनीति तक पहुंचाने के लिए नड्डा ने कड़ी मेहनत कर मुकाम हासिल किया.

जेपी नड्डा के जीवन पर ईटीवी भारत की रिपोर्ट.

बाहरी और भीतर के विरोधियों की मार झेलने के बावजूद नड्डा अपने लक्ष्य से नहीं भटके और अब परिणाम सबके सामने हैं. जो कभी विरोधी स्वर उगलते थे, आज वही नड्डा की उपलब्धि को लेकर गदगद हैं. वहीं, जेपी नड्डा ने कभी द्वेष की भावना से काम नहीं किया.

जेपी नड्डा के बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर बिलासपुरवासियों को जिला के विकास की नई उम्मीद जगी है. उनकी संघर्षशील राजनीति पर नजर डाली जाए तो पता चलता है कि बचपन से ही संघर्षशील व जुझारु नेता नड्डा के सरकारी स्कूलों को अपग्रेड करवाने के लिए छेड़ी गई मुहिम के चलते उन्हें 45 दिन जेल की हवा खानी पड़ी.

जेपी नड्डा के छात्र जीवन की तस्वीर.

यही नहीं विस्थापितों के कब्जे पर जब बुलडोजर चला था तो गिरफ्तारी देने में नड्डा प्रथम पंक्ति में नजर आए थे. नड्डा हिमाचल प्रदेश से केंद्र में पहले स्वास्थ मंत्री बने, जबकि बिलासपुर से पहले कैबिनेट मंत्री. बिलासपुर का नाम आगे बढ़ाने वाले जगत प्रकाश नड्डा की राह में चुनौतियां ही चुनौतियां थीं पर वो कभी पीछे नहीं हटे.

जेपी नड्डा के पिता रांची विश्वविद्यालय में उप-कुलपति थे. एबीवीपी, युवा मोर्चा और भाजपा में जेपी नड्डा ने संगठन के लिए सेवा भाव से काम किया. उनके इस निस्वार्थ भाव को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने उन पर अपना भरोसा जताया.

समाजिक कार्यों में नड्डा की पहचान जग जाहिर है. इसी के साथ वह देवी मां के भक्त हैं. बिलासपुर नगर के धौलरा मंदिर में हर साल होने वाली दुर्गा पूजा में जेपी नड्डा परिवार समेत मां के दर्शनों के लिए आते हैं. नड्डा का कार्यक्रम जितना भी व्यस्त क्यों न हो, वह दुर्गा पूजा में अपनी हाजिरी लगाना नहीं भूलते. उनकी इस उपलब्धि के पीछे कदम-कदम पर उनका साथ देने वाली धर्मपत्नी डॉ. मल्लिका नड्डा की तपस्या है.

अटल विहारी वाजपेयी के साथ नड्डा.

जेपी नड्डा ने छात्र राजनीति से अपना सफर शुरू किया था. हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में एबीवीपी से वह पहले छात्रसंघ अध्यक्ष बने. नड्डा वर्ष 1977 से लेकर 1990 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में अहम पदों पर रहे.

वर्ष 1989 में देश में आम चुनाव में जेपी नड्डा को भारतीय जनता युवा मोर्चा का प्रभारी बनाया गया. महज 31 साल की आयु में जेपी नड्डा भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष चुने गए. उसके बाद हिमाचल की राजनीति में सक्रिय हुए और 1993 में बिलासपुर सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने.

नड्डा 1993 से 1998, 1998 से 2003 और 2007 से 2012 तक बिलासपुर सदर सीट से चुनाव जीते. वह मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री भी रहे. अप्रैल 2012 में उन्हें राज्यसभा के लिए चुना. वह भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता भी रहे. बता दें कि जेपी नड्डा बीजेपी के 11वें राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हैं.

Last Updated : Feb 17, 2020, 7:58 PM IST

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