नई दिल्ली :सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने पनडुब्बी रोधी प्रणाली से लैस आईएनएस कवरात्ती को आज नौसेना के बेड़े में शामिल किया. जनरल नरवणे कवरात्ती को नौसेना में शामिल करने के लिए विशाखापत्तनम के नौसेना डॉकयार्ड पहुंचे.
आईएनएस कवरात्ती नौसेना में शामिल पोत को भारतीय नौसेना के संगठन डायरेक्टॉरेट ऑफ नेवल डीजाइन (डीएनडी) ने डिजाइन किया है और इसे कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स ने बनाया है.
विशाखापत्तनम के नौसेना डॉकयार्ड पहुंचे नौसेना प्रमुख जनरल नरवणे. पढ़ें :भारतीय नौसेना युद्धपोत आईएनएस विराट अंतिम यात्रा पर
नौसेना अधिकारियों ने बताया कि आईएनएस कवरात्ती में अत्याधुनिक हथियार प्रणाली है और ऐसे सेंसर लगे हैं जो पनडुब्बियों का पता लगाने और उनका पीछा करने में सक्षम हैं. इस युद्धपोत का नाम केंद्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप की राजधानी कवराती के नाम पर रखा गया है.
जनरल नरवणे कवरात्ती के बारे बताते हुए. इसके आईएनएस कवारत्ती का उत्तराधिकारी कहा जा रहा है. इसका निर्माण भारत में निर्मित उच्च ग्रेड DMR 249A स्टील का उपयोग करके किया गया है. यह भारत में निर्मित सबसे शक्तिशाली एंटी-सबमरीन युद्धपोतों में से एक माना जा सकता है.
आईएनएस कवरात्ती अत्याधुनिक हथियार प्रणाली से लैस जहाज में परमाणु, जैविक और रासायनिक (एनबीसी) युद्ध की स्थिति में लड़ने के लिए अत्याधुनिक उपकरण और प्रणालियों के साथ उच्च स्वदेशी सामग्री है. साथ ही ऑनबोर्ड में हथियार और सेंसर सूट पूर्व-स्वदेशी हैं.
आईएनएस कवरात्ती नौसेना में शामिल इस आला क्षेत्र में राष्ट्र की विकसित करने की क्षमता दिखाते हैं. स्वदेशी रूप से विकसित कुछ प्रमुख उपकरणों / प्रणालियों में कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम, टारपीडो ट्यूब लॉन्चर्स और इंफ्रा-रेड सिग्नेचर सप्लीमेंट सिस्टम आदि शामिल हैं.
आईएनएस कवरात्ती पर नौसेना प्रमुख जनरल नरवणे.