16 जून 2013 को केदारनाथ धाम में आए जल-प्रलय के जख्म अभी तक भरे नहीं हैं. ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट में जानिए केदारनाथ त्रासदी के सात साल बाद केदारघाटी में पुनर्निर्माण कार्यों की स्थिति क्या है?
6. सुप्रीम कोर्ट में याचिका- कोरोना जांच के लिए राष्ट्रीय परीक्षण नीति की मांग
कोविड-19 के परीक्षण के लिए राष्ट्रीय परीक्षण नीति की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. याचिकाकर्ता पेंटापति पुल राव ने कहा कि भारत में कोविड-19 का परीक्षण कम हो रहा है, जिस कारण महामारी का प्रसार दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है. कई राज्य कोरोना के लिए नाममात्र परीक्षण कर रहे हैं.
7. भारत-चीन सीमा पर तनाव : राहुल बोले, अब तक चुप क्यों हैं प्रधानमंत्री मोदी
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लद्दाख के गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुए संघर्ष को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट कर पीएम मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं. राहुल ने कहा कि चीन ने हमारे सैनिकों को मारने की हिमाकत कैसे की. पढ़ें विस्तार से...
8. भारत-चीन सीमा विवाद : कांग्रेस ने मोदी सरकार को बताया मूकदर्शक, दागे कई सवाल
लद्दाख की गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर हो गई है. कांग्रेस पार्टी ने इस पूरे मामले में मोदी सरकार को मूकदर्शक बताया है. पढ़े पूरी खबर...
9. मुख्यमंत्रियों से चर्चा में बोले पीएम- हम कोरोना को जितना रोकेंगे, उतनी ही खुलेगी हमारी अर्थव्यवस्था
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्रशासित प्रदेशों के उप राज्यपालों के साथ कोरोना वायरस के प्रसार को लेकर चर्चा की. बैठक में पंजाब, केरल, गोवा, उत्तराखंड, झारखंड व पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा केंद्रशासित प्रशसित राज्यों के उप राज्यपाल शामिल रहे.
10. इतिहास के पन्नों में दर्ज है भारत-चीन के बीच पुराना गतिरोध
भारत ने कभी सोचा भी नहीं था चीन कभी हमला भी करेगा, लेकिन उसने ऐसा किया. चीन की ओर से 20 अक्टूबर, 1962 को भारत पर हमला किया गया, जिसे 1962 के चीन-भारत युद्ध के नाम से भी जाना जाता है. चीन द्वारा कभी हमला नहीं किए जाने के विश्वास ने भारतीय सेना को युद्ध के लिए तैयार होने ही नहीं दिया. नतीजतन 10-20 हजार भारतीय और करीब 80 हजार चीनी सैनिकों के बीच गतिरोध बढ़ गया था.