नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पैंगोंग सो और देपसांग के अलावा गतिरोध के अनेक स्थानों से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए भारत और चीन के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने शनिवार को विस्तार से बातचीत की. सूत्रों ने बताया, 'दोनों पक्षों ने गतिरोध के स्थानों से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की जटिलताओं पर बातचीत की, जहां अभी तक चीनी सैनिक मौजूद हैं.'
घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले लोगों ने यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि एलएसी के चीनी क्षेत्र की तरफ दौलत बेग ओल्डी में मेजर जनरल स्तर की बातचीत दिन में 11 बजे शुरू हुई और शाम साढ़े सात बजे समाप्त हुई.
उन्होंने कहा कि बैठक में उन फैसलों के क्रियान्वयन पर प्रमुखता से बात हुई जो गत सप्ताह दोनों सेनाओं के कोर कमांडर के बीच हुई पांचवीं दौर की बातचीत में लिए गए थे. भारतीय पक्ष की ओर से तीसरी इन्फेंट्री डिवीजन के जनरल अफसर कमांडिंग मेजर जनरल अभिजीत बापट ने बातचीत का नेतृत्व किया.
ऐसी सूचना मिली है कि दोनों पक्षों ने गतिरोध के क्षेत्रों से सैनिकों के पीछे हटने के लिए एक समयसीमा तय करने पर भी बातचीत की.
सैन्य वार्ता में भारतीय पक्ष जल्द से जल्द चीनी सैनिकों के पूरी तरह पीछे हटने की प्रक्रिया पर और पूर्वी लद्दाख के सभी क्षेत्रों में पांच मई से पहले के अनुसार यथास्थिति तत्काल बहाल करने पर जोर दे रहा है.
पांच मई को पैंगोंग सो में दोनों सेनाओं के बीच टकराव के बाद गतिरोध की स्थिति बन गई थी.
सूत्रों के अनुसार चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने गलवान घाटी और कुछ अन्य गतिरोध स्थलों से सैनिकों को वापस बुला लिया है लेकिन पैंगोंग सो, गोगरा और डेपसांग में फिंगर क्षेत्रों में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी है.
भारत इस बात पर जोर दे रहा है कि चीन को फिंगर चार और आठ के बीच के क्षेत्रों से अपने सैनिकों को वापस बुलाना चाहिए.