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कितना गंभीर है ट्रंप पर चलने वाला महाभियोग, एक विश्लेषण

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू की गई है. वैसे इसमें सफलता मिलेगी, इसकी संभावना कम दिख रही है. अमेरिका के इतिहास में भी ऐसा कोई उदाहरण नहीं है, जिसमें यह प्रक्रिया पूरी तरह से सफल हुई हो. पर, इतना जरूर है कि इस प्रक्रिया से राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जरूर तेज हो जाता है. हो सकता है इसका असर आने वाले चुनाव पर भी पड़े. आइए जानते हैं कितना गंभीर है महाभियोग. सीमा सिरोही का एक विश्लेषण...

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)

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Published : Nov 14, 2019, 10:23 AM IST

वाशिंगटन : एक महीने तक बंद-दरवाज़े के पीछे गवाही होने के बाद, डेमोक्रेट पार्टी के सदस्यों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर अमेरिकी लोगों पर हमला करने के लिए अपना मामला उठाने का फैसला किया है.

यह युद्धरत दलों के लिए एक नया मोर्चा है - डेमोक्रेट और रिपब्लिकन - जैसा 2020 नजदीक आ रहा है, पहले से ही ध्रुवीकृत मतदाताओं के दिमाग में जंग छिड़ चुकी है. पोल बताते हैं कि आबादी की छोटी संख्या महाभियोग का समर्थन कर रही है, लेकिन सुनवाई सोच को बदल सकती है.

टेलीविज़न की सुनवाई बुधवार से शुरू हुई. और यह शुक्रवार को तीन प्रमुख गवाहों के साथ जारी रहेगी, जिसमें बताया जाएगा कि ट्रम्प ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की पर डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन और उनके बेटे बिडेन की जांच करने के वास्ते दबाव डालने के लिए अपने कार्यालय की शक्ति का दुरुपयोग कैसे किया.

हंटर बिडेन को एक यूक्रेनी प्राकृतिक गैस कंपनी के बोर्ड में लिया गया, जबकि उनके पिता उपाध्यक्ष थे. ट्रम्प चाहते थे कि ज़ेलेंस्की इस बात की जांच शुरू करें कि हंटर की नियुक्ति क्यों और कैसे हुई.

कई गवाहियों के अनुसार, ट्रम्प ने ज़ेलेन्स्की को अनुपालन करने पर, सैन्य सहायता में $ 400 मिलियन वापस लेने की धमकी दी. जुलाई में अमेरिकी कांग्रेस ने इसे मंजूरी के बावजूद, रूस के खिलाफ यूक्रेन को रक्षा के लिए सख्त सहायता की आवश्यकता थी जिसे रोक दिया. विवाद बढ़ने के बाद आखिरकार सितंबर में पैसा जारी किया गया.

डेमोक्रेट को गवाहों के माध्यम से पैसा कैसे जमा किया गया, इसके बारे में सटीक यांत्रिकी साबित करनी होगी, लेकिन प्रबंधन और बजट कार्यालय के प्रमुख अधिकारियों ने अब तक गवाही देने से इनकार करते रहे हैं. पिछले हफ्ते, 13 गवाहों को बंद दरवाजे की सुनवाई के लिए उपस्थित होने के लिए कहा गया था, लेकिन केवल दो ही आये.

लेकिन बहुत सारे अन्य गवाहों- पूर्व और सेवारत व्हाइट हाउस और विदेश विभाग के अधिकारियों - ने पहले ही ट्रम्प के खिलाफ एक ठोस समर्थन देकर काफी मज़बूत मामला बना दिया है. उन ट्रांसक्रिप्ट को डेमोक्रेट द्वारा जारी किया गया है. अगस्त में मुखबिर की शिकायत के साथ उरकेन गाथा शुरू हुई, जिसने ट्रम्प और ज़ेलेंस्की के बीच 25 जुलाई की कॉल का विवरण रखा गया.

मुखबिर ने कई अमेरिकी अधिकारियों से प्राप्त जानकारी का हवाला देते हुए ट्रम्प पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने कार्यालय की शक्ति का उपयोग किसी विदेशी देश से हस्तक्षेप करने के लिए किया. तब से कई अधिकारियों ने गवाही देकर इस बात पर मोहर लगा दी है.

विशेषज्ञों के बीच बहस है कि क्या यह एक अगम्य अपराध है. अमेरिकी संविधान के अनुसार, प्रतिनिधि सभा 'राजद्रोह, रिश्वत या अन्य गंभीर अपराधों और दुराचारियों' के लिए राष्ट्रपति पर महाभियोग चला सकती है. लेकिन एक 'गंभीर अपराध' की परिभाषा अस्पष्ट है, इसे परिभाषित करने के लिए मौजूदा राजनेताओं पर छोड़ना होगा और 'महाभियोग के अनुच्छेद' का मसौदा तैयार करना होगा.

अनुच्छेद एक आरोप पत्र के समान हैं, जो तब सीनेट को भेजे जाते हैं जहां परीक्षण आयोजित किया जाता है. दोषी साबित करने के लिए दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है.

चूंकि डेमोक्रेट पार्टी की सदन में बहुमत है, इसलिए इस बात की प्रबल संभावना है कि ट्रम्प पर महाभियोग चलाया जाएगा. लेकिन सीनेट के पास रिपब्लिकन पार्टी की बहुमत है, जिसका मतलब है कि यह बहुत संभावना नहीं है कि उन्हें दोषी ठहराया जा सकेगा.

यदि इतिहास कोई मार्गदर्शक है, तो बिल क्लिंटन पर महाभियोग लगाया गया, लेकिन उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया. रिचर्ड निक्सन ने महाभियोग से पहले इस्तीफा दे दिया था क्योंकि उनके खिलाफ मामले में द्विदलीय समर्थन था. टेलीविज़न ने निक्सन के मामले में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो वाटरगेट कांड के रूप में जाना जाता है, इस बात के प्रमाण सामने आए और देश उनके खिलाफ हो गया था.

आज की दुनिया में यह महाभियोग प्रक्रिया एक साधारण कारण के लिए बहुत भिन्न होगी - सोशल मीडिया की उपस्थिति. ट्रम्प सबसे अधिक संभावना है कि सुनवाई के रूप में खुद का बचाव करेंगे, दलीलों का मुकाबला करेंगे और गवाहों का अपमान करेंगे जैसा कि वे अभ्यस्त है.

लोग वास्तविक समय में कार्यवाही पर भी टिप्पणी करेंगे, जिसका राजनीतिक गुट अपने उद्देश्यों के लिए उपयोग करेंगे. जन सुनवाई भी एक और कारण से जोखिम भरी है - वे रिपब्लिकन को साजिश के सिद्धांतों को बुनकर करके प्रक्रिया के पहिये में रेत फेंकने का मौका देते हैं.एक ऐसा ही मुखबिर खुफिया समुदाय है और इसलिए वह गहरी अवस्था का हिस्सा है, जो ट्रम्प का विरोध करता है क्योंकि वे वाशिंगटन पर उनकी पकड़ को कमज़ोर करने की कोशिश कर रहे हैं.

ट्रम्प ने पहले ही महाभियोग प्रक्रिया को 'द्वेषपूर्ण तरीके से लक्षित करना' कहा है, ट्विटर पर आक्रामक तरीके से अपना बचाव किया और अपनी सेनाओं को ललकारा है.

ट्रम्प के बचावकर्ताओं ने पूरी प्रक्रिया को नाजायज कहा है क्योंकि डेमोक्रेट ने मुखबिर की पहचान प्रकट करने से इनकार कर दिया है और उसकी रक्षा करने की कसम खाई है.

हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के अध्यक्ष और जन सुनवाई का संचालन करने के प्रभारी कांग्रेसी एडम शिफ ने पिछले हफ्ते एक पत्र में कहा था कि उनकी समिति ट्रम्प और उनके सहयोगियों को कांग्रेस में 'मुखबिर को धमकाने और डराने' की अनुमति नहीं देगी, जिसने हिम्मत से काम लिया.'

यह ध्यान देने योग्य है कि देश में शीर्ष रैंकिंग वाले डेमोक्रेट हाउस की स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने अपनी ही पार्टी के उदारवादी विंग के गहन दबाव के बावजूद महाभियोग का विरोध किया था. उन्होने महसूस किया कि लोग में बहुत अधिक ध्रुवीकृत हो जायेगा और डेमोक्रेट पर चुनाव में असर पड़ेगा क्योंकि उन्हें रोज़ी रोटी के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय समय बर्बाद करने के लिए दोषी ठहराया जाएगा.

मुखबिर की शिकायत के बाद पेलोसी का हाथ मज़बूत हो गया था. यह कहना जल्दबाजी होगी कि महाभियोग प्रक्रिया 2020 के चुनाव को कैसे प्रभावित करेगी. लेकिन यह स्पष्ट है कि अमेरिका और विदेश दोनों में आने वाले दिनों के लिए सुर्खियों में रहेगा.

(लेखक- सीमा सिरोही)

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