नई दिल्ली : इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने कहा कि वह कोरोना वैक्सीन को समय पर उपलब्ध कराने के लिए ग्लोबल साइंटिफिक कम्युनिटी के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है.
आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा, 'भारत को वैक्सीन की तैयारियों में सबसे आगे रहना है. हम ग्लोबल साइंटिफिक कम्युनिटी के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'
आईसीएमआर ने कोरोना वैक्सीन के विकास के संबंध में ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया, जिसमें कई वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने भाग लिया.
विशेषज्ञों ने सहमति व्यक्त की कि जल्द से जल्द टीका लाने के लिए सभी टीकों का ट्रायल बहुत जरूरी है और रोगी की सुरक्षा के लिए उच्च मापदंडों को पूरा करना जरूरी है. प्रतिभागियों ने टीके के विकास और तैयारियों में योगदान के लिए भारत के प्रयासों की भी सराहना की.
भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. के. विजय राघवन ने कहा कि महामारी की स्थिति में वैक्सीन लाना आम समय की तुलना में बहुत अधिक चुनौतीपूर्ण है.
उन्होंने कहा कि एक सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन के लिए तकनीकों के विभिन्न दृष्टिकोणों को समझना, सत्यापन करना और ट्रायल करना यह सब प्रक्रिया में शामिल हैं और बहुत जरूरी हैं. इन सबसे ऊपर है, सभी वैक्सीन के विकास और प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए सामुदायिक सहमति.
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संगोष्ठी में बोलते हुए लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के निदेशक प्रोफेसर पीटर पायलट ने कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए टीके की तत्काल आवश्यकता है. इसके लिए हमें समाधान खोजना होगा.
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शियस डिजीज के निदेशक डॉ. एंथनी फौसी ने कहा कि जब टीका उपलब्ध होगा, तब भारत के निजी टीका उत्पादन क्षेत्र की अग्रणी भूमिका होगी.