नई दिल्ली : भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने कहा है कि कोरोना वायरस के कम्युनिटी प्रसार का पता लगाने के लिए किए गए सीरोलॉजिकल सर्वे के अंतिम परिणाम अभी तक पूरे नहीं हुए हैं. दरअसल, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि देश के हॉटस्पॉट क्षेत्रों में 15 प्रतिशत से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं.
आईसीएमआर ने मंगलवार को इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मीडिया में प्रकाशित सीरो सर्वे के निष्कर्ष महज अटकलें हैं. आईसीएमआर ने उन खबरों को भी खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया है कि कंटेंमेंट जोन और हॉटस्पॉट में रह रहे एक-तिहाई लोग पहले से ही कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं.
आईसीएमआर के एक अधिकारी ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा, "कोरोना महामारी के लिए आईसीएमआर सीरो सर्वे से जुड़े ये निष्कर्ष अभी महज अटकलें हैं और अभी सर्वे के नतीजों को अंतिम रूप दिया जाना है."
हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि कंटेंमेंट जोन और हॉटस्पॉट्स में रहने वाली लगभग 15 प्रतिशत से 30 प्रतिशत आबादी कोरोना संक्रमण का शिकार हुई थी. दावा किया गया था कि सीरो सर्वे के निष्कर्षों को केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गौबा और प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ साझा किया गया है.
बता दें कि आईसीएमआर ने मई में सीरो सर्वे शुरू किया था. यह सर्वे 21 राज्यों के 69 जिलों में घरेलू स्तर पर किया गया है. सीरो सर्वे का उद्देश्य भारत में कोविड-19 महामारी के प्रसार, रोकथाम और नियंत्रण को समझना है और निष्कर्ष के अनुरूप नई योजना बनाना है.
आईसीएमआर के अनुसार, सर्वे में प्रत्येक जिले में 10 कलस्टर से रैन्डम्ली चुने गए 400 व्यक्तियों के ब्लड के नमूनों का संग्रह शामिल होगा. इन व्यक्तियों के ब्लड सीरम का पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी द्वारा विकसित ELISA टेस्ट का उपयोग करके आईजीजी एंटीबॉडी की उपस्थिति के लिए परीक्षण किया जाएगा.