दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

चीन के साथ एलएसी गतिरोध के बीच भारत ने 'दागी' 10 आकाश मिसाइलें - Chinese Air Force

लद्दाख में भारत-चीन के बीच विगत मई माह से ही गतिरोध बना हुआ है. सूत्रों के मुताबिक दोनों देशों के तनाव के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी वायु सेना से खतरा बना हुआ है. इसी बीच भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने लगभग 10 आकाश मिसाइलों का सफल परीक्षण किया है.

IAF test fires 10 Akash missiles
वायुसेना ने आकाश मिसाइल का परीक्षण किया

By

Published : Dec 4, 2020, 4:25 PM IST

Updated : Dec 4, 2020, 6:01 PM IST

अमरावती : भारतीय वायुसेना ने आंध्र प्रदेश के सूर्यलंका परीक्षण रेंज में गत सप्ताह मिसाइल का काफी हद तक सफल परीक्षण किया. वायुसेना ने स्वदेश निर्मित आकाश वायु रक्षा मिसाइलों का परीक्षण किया है. इसका उद्देश्य दुश्मनों के ऐसे विमान को मार गिराना है, जो संघर्ष के दौरान भारतीय वायु सीमा का उल्लंघन कर सकते हैं.

समाचार एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि संघर्ष के हालात बनने की स्थिति में सेना पहले से तैयार है. सूत्रों ने कहा कि इसी के मद्देनजर 10 आकाश मिसाइलों को दागा गया. यह संयुक्त गाइडेड हथियार 2020 के अभ्यास का हिस्सा था.

सूत्रों के अनुसार अधिकतर मिसाइलों ने लक्ष्य को सफलतापूर्वक निशाना बनाया. अभ्यास के दौरान भारतीय वायु सेना ने आकाश मिसाइल और इगला शोल्डर फायर एयर डिफेंस मिसाइल का अभ्यास किया.

दिलचस्प बात यह है कि इन दोनों प्रणालियों को वर्तमान में पूर्वी लद्दाख और अन्य क्षेत्रों में एलएसी के पास तैनात किया गया है, ताकि दुश्मन के किसी भी विमान को भारतीय वायु सीमा का उल्लंघन करने पर मार गिराया जा सके.

सूत्रों ने कहा कि आकाश सबसे सफल स्वदेशी हथियार प्रणालियों में से एक है. यह रक्षा बलों की स्वदेशी हथियारों से युद्ध करने की इच्छा को पूरा करेगा. मिसाइल को हाल ही में उन्नत किया गया है और अब पहले की तुलना में इससे अधिक आसानी के साथ लक्ष्य साधा जा सकेगा.

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) आकाश प्राइम मिसाइल प्रणाली पर काम कर रहा है, जो इसे बहुत अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर भी लक्ष्य हासिल करने में सक्षम बनाएगा.

इसके अलावा डीआरडीओ ने संघर्ष के दौरान प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कई संशोधन भी किए हैं.

पढ़ें -एलएसी पर हर चुनौती से निपटने को तैयार है भारतीय नौसेना : एडमिरल करमबीर सिंह

मिसाइल प्रणाली के अन्य प्रणालियों के साथ मिलाने से मिसाइल की विशेषताएं काफी बढ़ गई हैं और यह दुश्मन के एंटी रेडिएशन मिसाइलों से लैस लड़ाकू जेट को हैरान कर सकते हैं.

गौरतलब है कि सुरक्षा संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति ने हाल ही में वायु सेना के लिए मिसाइल प्रणालियों के सात स्क्वाड्रन को मंजूरी दी है. इसकी कीमत लगभग 5,500 करोड़ रुपये है.

सेना इन मिसाइल प्रणालियों को पाकिस्तान और चीन के साथ सीमाओं पर तैनात करेगा ताकि दुश्मन के विमानों, ड्रोन और निगरानी विमानों के खिलाफ कड़ी निगरानी रखी जा सके.

आकाश एक मध्यम दूरी की मोबाइल सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली है, जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा विकसित किया गया है और भारत डायनामिक्स लिमिटेड और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित किया गया है.

Last Updated : Dec 4, 2020, 6:01 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details