गुवाहाटी/शिलांग/कोहिमा/कोलकाता : संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ शनिवार को भी पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर में प्रदर्शन जारी रहा, जहां आगजनी की कई घटनाएं हुई और एक व्यक्ति मारा गया. इस कानून के खिलाफ नगालैंड में छह घंटे का बंद रहा. वहीं, पश्चिम बंगाल में विभिन्न इलाकों से प्रदर्शनकारियों द्वारा आगजनी किए जाने की खबरें मिली हैं, जहां तृणमूल कांग्रेस सरकार नागरिकता (संशोधन) अधिनियम का विरोध कर रही है.
अधिकारियों ने बताया कि मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद (पश्चिम बंगाल) में बसों, एक रेलवे स्टेशन परिसर के एक हिस्से, एक टोल प्लाजा में आगजनी की गई. असम के डिब्रूगढ़ और गुवाहाटी में कई घंटों के लिए अनिश्चितकालीन कर्फ्यू में ढील दी गई. यह स्थान इस विवादित कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का केंद्र बने हुए हैं.
मेघालय की राजधानी शिलांग में भी कर्फ्यू में ढील दी गई.
असम में अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन में मारे गए लोगों की संख्या बढ़ कर तीन पहुंच गई है. संदिग्ध उपद्रवियों ने सोनितपुर जिले के ढेकियाजुली में शुक्रवार रात कर्फ्यू के दौरान एक तेल टैंकर को आग के हवाले कर दिया.
पुलिस ने बताया कि टैंकर में आगजनी किए जाने के बाद बुरी तरह से झुलसे चालक को एक निजी नर्सिंग होम ले जाया गया, जहां शनिवार सुबह उसकी मौत हो गई.
इस हफ्ते की शुरुआत में गुवाहाटी में प्रदर्शन के दौरान दो अन्य लोग मारे गये थे.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गुवाहाटी में आज बंद रहा.
इस बीच, असम सरकार के कर्मचारियों ने शनिवार को यह घोषणा की कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के विरोध में वे 18 दिसंबर को काम पर नहीं जाएंगे.
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सदोउ असम कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष बासब कलिता ने बताया कि राज्य सरकार के सभी कर्मचारी 18 दिसंबर को कार्यालय नहीं जांएगे.
असम में सोशल मीडिया के कथित दुरूपयोग को रोकने और शांति एवं कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए 16 दिसंबर तक इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहेंगी.
राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह एवं राजनीतिक विभाग) संजय कृष्ण ने बताया कि राज्य में मौजूदा स्थिति के मद्देनजर कानून- व्यवस्था बनाए रखने के लिए इंटरनेट सेवाओं को निलंबित रखा जाना और 48 घंटे के लिए बढ़ा दिया गया है.
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इंटरनेट सेवाओं को शुरुआत में राज्य के 10 जिलों में बुधवार को 24 घंटे के लिए निलंबित किया गया था तथा फिर इसे समूचे राज्य में और 48 घंटे के लिए बढ़ा दिया गया, यह निलंबन आज दोपहर समाप्त होना था.
राज्य में आंदोलन का नेतृत्व कर रहे ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) ने असोम जातीयवादी युवा छात्र परिषद और मूल निवासियों के 30 अन्य संगठनों के साथ ब्रह्मपुत्र घाटी में अपनी विरोध बैठकें जारी रखी है.
आसू ने ब्रह्मपुत्र घाटी के सभी जिलों में वरिष्ठ नागरिकों, छात्रों, शिक्षकों, कलाकारों, गायकों और बुद्धिजीवियों के साथ प्रदर्शन किए.
परिषद की रेल नाकेबंदी के आह्वान के चलते गुवाहाटी और देश के शेष हिस्सों के बीच ट्रेन सेवाएं बाधित हो गई. परिषद राज्य में 'आंतरिक रेखा परमिट' की मांग कर रही है. परिषद ने कामख्या रेलवे स्टेशन पर पटरियों को बाधित कर दिया.
परिषद ने 16 दिसंबर को राज्य में सुबह छह बजे से 36 घंटों की सामूहिक भूख हड़ताल का भी आह्वान किया है. वहीं, 18 दिसंबर से वे ग्राम सभाएं आयोजित करेंगे.
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पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के प्रवक्ता ने बताया कि ऊपरी असम जिलों की ओर जाने वाली सभी ट्रेनें गुवाहाटी में रद्द कर दी गई, जबकि गुवाहाटी से जाने वाली लंबी दूरी की सभी ट्रेनों ने शाम पांच बजे नाकेबंदी हटाए जाने के बाद अपनी आगे की यात्रा फिर से शुरू कर दी.
आसू महासचिव लुरिनज्योति गोगोई ने कहा कि प्रत्येक दिन शाम पांच बजे तक प्रदर्शन जारी रहेंगे क्योंकि छात्र संगठन महात्मा गांधी के अहिंसा के विचारों का पालन करता है.
मेघालय के शिलांग में लगाए गए कर्फ्यू में स्थिति बेहतर होने के बाद शनिवार को सुबह 10 बजे से शाम सात बजे तक ढील दी गई .
पूर्वी खासी हिल्स की जिला उपायुक्त एम डब्ल्यू नोंगबरी ने बताया कि कानून - व्यवस्था की स्थिति बेहतर होने के बाद कर्फ्यू में ढील दी गई.