हैदराबाद :नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पांचवीं कक्षा तक के बच्चों को मातृभाषा में पढ़ाने पर जोर दिया गया है, ताकि बच्चों की नींव मजबूत हो सके, जिसके कई अन्य फायदे भी हैं. अपनी भाषा में सीखने की प्रक्रिया बच्चों में काफी प्रबल होती है. वह जल्द ही अपनी स्मरण शक्ति के जरिए काफी कुछ नया सीख लेते हैं, जिसके कारण उनमें अपनी बातों और अपने विचारों को सबके सामने रखने का आत्मविश्वास आता है. फिर क्यों न अपनी भाषा हिंदी में ही सीखें और सिखाएं.
भारत में हिंदी दिवस वार्षिक रूप से 14 सितंबर को मनाया जाता है. 1949 में आज ही के दिन देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली हिंदी भारत की आधिकारिक भाषा बनी. हिंदी को 250 मिलियन लोग अपनी मूल भाषा के रूप में बोलते हैं और यह दुनिया की चौथी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है. इस दिन हम आपके लिए कुछ सुझाव लेकर आए हैं कि कैसे आप अपने बच्चे को हिंदी सीखने में मदद कर सकते हैं.
रोचक कॉमिक्स का ले सकते हैं सहारा
पंचतंत्र से लेकर बड़े भाई साहब तक जैसा हिंदी में कुछ रोचक और मनोरंजक जरूर पढ़ें, जो आप अपने बच्चों के साथ पढ़ सकते हो. यह उनमें कई प्रकार के बदलाव ला सकता है. बच्चे अपने तरीके से अपने विचारों के द्वारा बहुत कुछ सीख लेते हैं. अपने बच्चों को रोचक किताबे पढ़ाएं. हो सके तो उनके साथ हिंदी की रोचक कॉमिक्स पढ़ें और उन्हें सुनाएं, इससे वह हिंदी के प्रति आकर्षित होंगे. इसके साथ ही यह भाषा सीखने का एक अच्छा तरीका भी है.
किताबों को बनाए अपना सबसे अच्छा दोस्त
कहते हैं कि इंसान की सबसे अच्छी दोस्त किताबें होती हैं, यह कहावत सच भी है. इसलिए अभिभावकों को बचपन से ही बच्चों में किताबें पढ़ने की आदत डालनी चाहिए. बच्चों में किताब पढ़ने की आदत बहुत हद तक उनके विकास में सहायक होती है. इससे उनके अंदर सोचने और समझने की क्षमता भी बढ़ती है.
हिंदी साहित्य पढ़ें और पढ़ाएं
अपने बच्चे की हिंदी साहित्य में रुचि विकसित करने में मदद करने के लिए, उन्हें हिंदी साहित्य किताबों से परिचित कराएं. कुछ दिलचस्प किताबे जैसे गुलजार द्वारा पोटली बाबा की कहानी, श्रृंखला या पिनोच्चियो शामिल हैं. प्रेमचंद द्वारा पंच-परमेश्वर या पूस की रात, अन्य क्लासिक्स के साथ-साथ ऑडियो प्रारूप में बहुत सी हिंदी कहानियां भी उपलब्ध हैं, जिन्हें आपका बच्चा सुनकर समझ सकता है.
अपने बच्चे के लिए द्विभाषी (अंग्रेजी-हिंदी) कहानी पुस्तकों की सूची बनाएं.
कविता पुण्यमूर्ति की किताब ऊपर देखो
कविता पुण्यमूर्ति की ऊपर देखो किताब बच्चों के लिए काफी अच्छी है. इस किताब की कहानी में दो बच्चे मिमी और गुल्लु आसमान देखने जाते हैं. रूचि म्हासेन द्वारा मौन पेस्टल रंगों में दिए गए चित्र कहानी में चंचलता का स्पर्श जोड़ते हैं. इस कहानी का अनुवाद सुमन वाजपेयी ने किया है. और तूलिका ने इस कहानी को पब्लिश किया है. इस किताब की कहानी को तीन से ऊपर के बच्चे पढ़ सकते हैं.
नंदिनी नायर की किताब मैं कहां चित्र बनाऊं?
नंदिनी नायर की पुस्तक जहां मैं कहा चित्र बनाऊं. इस किताब में प्रणव नाम के एक लड़के को फूल, कार और पहाड़ों की तस्वीरें बनाना पसंद है. हालांकि लड़का जिस पेटिंग बुक में चित्र बनाता था. वह भर गई है. पुस्तक का अनुवाद मेघा अग्रवाल ने किया है. इस किताब को तूलिका ने प्रकाशित किया है. यह किताब भी तीन साल से बड़े बच्चे आसानी पढ़ व समझ सकते हैं.
भावना जैन भूता की पंछी पोस्ट