नई दिल्ली : गिनी के विदेश मंत्री ममादी तौरेकी तीन दिवसीय यात्रा गुरुवार को गर्मजोशी के साथ समाप्त हो गई. इस यात्रा के दौरान विकास साझेदारी, क्षमता निर्माण और व्यापार और वाणिज्य सहित द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर विस्तृत चर्चा भिन्न भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई.
उच्च स्तरीय बैठकों के बाद ममादी ने नई दिल्ली में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से मुलाकात की. दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तार देने और गहरा करने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यह विशेष रूप से रक्षा जैसे क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ाने का समय है. विदेश मंत्री जयशंकर ने इस आशय का ट्वीट भी किया.
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर का ट्वीट. दोनों विदेश मंत्रियों ने बीते अगस्त में भारत के राष्ट्रपति द्वारा गिनी की सफल यात्रा और मार्च में गिनी के प्रधानमंत्री के भारत दौरे के दौरान उच्चस्तरीय राजनीतिक आदान-प्रदान के बारे में संतोष व्यक्त किया.
बता दें कि भारत ने गिनी के साथ लगभग 190 मिलियन डॉलर के क्रेडिट समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं. इसमें 'ग्रैंड कोनकारी' पेयजल आपूर्ति योजना के लिए 170 मिलियन डॉलर शामिल हैं. दूसरा 20.22 मिलियन डॉलर का समझौता दो सौर परियोजनाओं के लिए है, जिसमें सात सार्वजनिक विश्वविद्यालयों के लिए बिजली और पीने के पानी की आपूर्ति के लिए और 200 स्वास्थ्य केंद्रों में सौर परियोजना के तहत विद्युतीकरण और रेफ्रीजेरेशन के लिए होगी.
उल्लेखनीय है कि भारत, गिनी के साथ सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण संबंध रखता है. हाल के वर्षों में उच्चस्तरीय भेंट से दोनों देशों के संबंधों में और मजबूत आई है. भारत-गिनी द्विपक्षीय व्यापार 2018-19 में 819.11 मिलियन डालर का सकारात्मक संदेश दे रहा है.
उल्लेखनीय है कि गिनी में परियोजनाओं के लिए भारत द्वारा ऋण की सीमा विस्तारित कर कुल मूल्य 253.32 मिलियन डॉलर कर दी गई है. इसी कड़ी भारत ने जनवरी 2019 में कोनाक्री में अपना दूतावास फिर से खोल दिया था.