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दो लाख 31 हजार लोगों की कोरोना जांच की गई : स्वास्थ्य मंत्रालय

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि देश में कोरोना वायरस के अब तक 10,363 मामले सामने आए हैं, जबकि 339 लोगों की मौत हो गई है. वहीं 1,036 लोग ठीक हो चुके हैं.

लव अग्रवाल
लव अग्रवाल

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Published : Apr 14, 2020, 4:11 PM IST

Updated : Apr 14, 2020, 7:40 PM IST

नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. स्वास्थ्य और गृह मंत्रालय ने कोरोना की मौजूदा स्थिति को लेकर जानकारी दी. आईसीएमआर के अधिकारी रमन आर गंगाखेडकर ने कहा कि अब तक दो लाख 31 हजार से अधिक कोरोना जांच की गई हैं.

गंगाखेड़कर ने बताया कि आईसीएमआर की प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़कर 166 हो गयी है और 70 निजी प्रयोगशालाओं को भी कोविड-19 के परीक्षण की अनुमति दी जा चुकी है.

उन्होंने कहा कि हमारे पास काफी संख्या में जांच किट हैं, जो छह सप्ताह तक चल सकती हैं. हमें RT-PCR ( (रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन-पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन) किट के लिए एक और किस्त मिली है, जो पर्याप्त संख्या में हैं, जिसका उपयोग हम लंबे समय तक कर पाएंगे.

इसके अतिरिक्त, हम लगभग 33 लाख RT-PCR (रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन-पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन) के लिए ऑर्डर कर रहे हैं. 37 लाख रैपिड किट के किसी भी समय आने की उम्मीद है.

गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत लगभग 80 करोड़ व्यक्तियों को प्रतिमाह अगले तीन महीने तक पांच किलो खाद्यान उनकी पसंद के हिसाब से गेहूं और चावल मुफ्त देने का प्रावधान किया है. हमारा कंट्रोल रूम राशन की आपूर्ति पर 24 घंटे निगरानी कर रहा है. अभी तक पांच हजार शिकायतों का निपटारा किया गया है.

श्रीवास्तव ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान लोगों की समस्याओं के समाधान के लिये मंत्रालय द्वारा शुरु की गयी हेल्पलाइन पर प्रवासी मजदूरों सहित अन्य जरूरतमंद 5000 लोगों की शिकायतों का निवारण किया गया है.

श्रीवास्तव ने बताया कि मंत्रालय ने लॉकडाउन से प्रभावित हुए प्रवासी मजदूरों और स्थानीय कामगारों की मदद के लिये राज्यों के श्रम आयुक्तों की निगरानी में भी 20 हेल्पलाइन शुरु की हैं.

वित्त मंत्रालय के अधिकारी राजेश मल्होत्रा ने बताया कि जरूरी समानों की आपूर्ति पर नजर रखी जा रही है. मजदूर की समस्या के निदान के लिए 20 शिकायत केंद्र बनाए गए हैं. लोगों को मूलभूत सुविधाएं मिलती रहें, इसके लिए वित्त मंत्री ने राहत पैकेज का एलान किया है. अब तक 32 करोड़ लाभार्थियों को 29,352 करोड़ की आर्थिक सहायता दी गई है.

मल्होत्रा ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा इन योजनाओं के तहत राज्यों को 3985 मीट्रिक टन दालें भेजी जा चुकी हैं और उज्जवला योजना के तहत 97.8 लाख गैस सिलेंडर भी दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की पहली किश्त के रूप में 7.47 करोड़ किसानों के बैंक खाते में 14946 करोड़ रुपये और 19.86 करोड़ महिलाओं के जनधन बैंक खातों में 9930 करोड़ रुपये भेज दिए गए हैं.

इस दौरान वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता राजेश मल्होत्रा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान 13 अप्रैल तक गरीब कल्याण योजनाओं के तहत 32 करोड़ से अधिक लाभार्थियों के बैंक खाते में सहायता राशि के रूप में कुल 29,352 करोड़ रुपये भेजे जा चुके हैं. इसके अलावा 5.29 करोड़ लाभार्थियों को राशन और खाद्यान्न भी दिया जा रहा है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि देश में कोरोना वायरस के अब तक 10,363 मामले सामने आए हैं, जबकि 339 लोगों की मौत हो गई है. वहीं 1,036 लोग ठीक हो चुके हैं.

संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि अब तक 218 लाइफलाइन उड़ान के जरिए करीब 377.5 टन अनिवार्य चिकित्सीय उपकरण पहुंचाए जा चुके हैं. इंडियन पोस्टल नेटवर्क ने इंडियन ड्रग मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन, हेल्थ सर्विसेज के डीजी और ऑनलाइन फार्मा कंपनियों के साथ टाइ-अप करके अस्पतालों और मरीजों तक जरूरी दवाइयां पहुंचाई हैं.

संयुक्त सचिव ने कहा कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिये पूरे देश में 602 अस्पताल चिन्हित किए है. इन अस्पतालों में कोरोना के मरीजों को क्वारंटाइन में रखने के लिए 1,06,719 बिस्तर और गंभीर मरीजों को सघन चिकित्सा केन्द्र (आईसीयू) में रखने के लिये 12,024 आईसीयू बिस्तरों का इंतजाम है.

अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन मई तक लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाने की घोषणा के मद्देनजर लॉकडाउन के मानकों के पालन को सुनिश्चित करने के लिये प्रत्येक शहर के प्रयासों का 20 अप्रैल तक मूल्यांकन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके आधार पर बेहतर काम करने वाले शहरों को 20 अप्रैल के बाद लॉकडाउन से आंशिक छूट दी जाएगी.

जानकारी देते स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव.

अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि सशर्त छूट मिलने के बाद अगर उस शहर में शर्तों के पालन में कोई लापरवाही पाई गई तो छूट वापस भी ली जा सकेगी. अग्रवाल ने कहा कि शहरों के मूल्यांकन की क्या पद्धति होगी, इसे मंत्रालय द्वारा जल्द सार्वजनिक किया जाएगा.

उन्होंने 21 दिन के बाद लॉकडाउन की अवधि को 40 दिन तक बढ़ाये जाने के औचित्य के सवाल पर कहा कि किसी क्षेत्र में वायरस के सक्रमण की श्रंखला को तोड़ने के लिए कम से कम 28 दिन में एक भी संक्रमित मरीज सामने नहीं आना चाहिए. इतना होने पर ही यह कहा जा सकता है कि उस क्षेत्र में संक्रमण की श्रंखला टूट गई है.

उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटे में 1,211 मामले समाने आए हैं और 31 लोगों की मौत हो गई है.

उन्होंने कहा, 'प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के ऑफिस से एक गाइडलाइन जारी की गई है, जहां से घनी आबादी वाले इलाकों में कोरोना को फैलने से रोकने के उपाय बताए गए हैं. इनमें मुख्य रूप से कम्यूनिटी शेयरिंग टॉयलेट्स, नहाने आदि की सुविधाओं पर दिशानिर्देश दिए गए हैं.

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Last Updated : Apr 14, 2020, 7:40 PM IST

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