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स्वास्थ्य कर्मियों व बुजुर्गों को कोविड टीके में दी जाएगी प्राथमिकता

स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने एक वेबिनार के दौरान कहा कि अगले तीन चार महीनों में कोरोना का टीका तैयार हो जाएगा. इसके बाद टीका वितरण में स्वास्थ्य कर्मी और 65 साल के बाद के आयु वालों को प्राथमिकता दी जाएगी.

स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन
स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन

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Published : Nov 19, 2020, 11:05 PM IST

नई दिल्ली : स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने गुरुवार को विश्वास व्यक्त किया कि अगले तीन-चार महीनों में कोविड-19 का टीका तैयार हो जाएगा. सरकार ने सावधानीपूर्वक प्राथमिकता योजना तैयार की है, जिसमें स्वास्थ्य कर्मी और 65 साल की आयु से अधिक के लोग सूची में सबसे ऊपर हैं.

स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन फिक्की एफएलओ द्वारा आयोजित एक वेबिनार को संबोधित कर रहे थे. कोविड के दौरान और उसके बाद बदले स्वास्थ्य प्रतिमान विषयक वेबिनार में हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 टीका अगले कुछ महीनों में उपलब्ध होगा. अनुमान है कि अगले साल जुलाई-अगस्त तक 25-30 करोड़ लोगों के लिए 40-50 करोड़ खुराक उपलब्ध होंगी.

उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि अगले तीन-चार महीनों में कोविड-19 टीका तैयार हो जाएगा.

हर्षवर्धन ने कहा कि यह स्वाभाविक है कि टीका वितरण में प्राथमिकता दी जाएगी. जैसा कि आप जानते हैं कि स्वास्थ्य कर्मी, जो कोरोना योद्धा हैं, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी, फिर 65 साल से अधिक आयु के लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी. फिर 50-65 साल की आयु वाले लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी. उसके बाद 50 साल से कम उम्र के लोग जिन्हें अन्य बीमारियां हैं.

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उन्होंने कहा कि यह विशेषज्ञों द्वारा वैज्ञानिक दृष्टिकोण से निर्धारित किया जा रहा है. हमने इस बारे में विस्तृत, सावधानीपूर्वक योजना बनायी है. अगले साल मार्च-अप्रैल में हमें क्या करना है, हमने अभी से ही इसकी योजना बनानी शुरू कर दी है.

हर्षवर्धन ने कहा कि हमने कोविड-19 के खिलाफ एक एकीकृत प्रतिक्रिया प्रणाली भी शुरू की है. सभी प्रमुख टीकों के लिए क्लीनिकल ​​परीक्षणों की मेजबानी भी करेंगे. करीब 20 टीके विकास के विभिन्न चरणों में हैं.

उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति इस घातक वायरस से छोटी-छोटी सावधानियां जैसे अच्छी गुणवत्ता का मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना और हाथों की सफाई से बचाव कर सकता है.

सीरम इंस्टीट्यूट के ऑक्सफोर्ड टीके के तीसरे चरण का परीक्षण लगभग पूरा होने वाला है, जबकि भारत बायोटेक और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के स्वदेश में विकसित टीके के तीसरे चरण के क्लीनिकल ​​परीक्षण शुरू हो गए हैं.

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