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हजारे ने निर्भया मामले में त्वरित न्याय के लिए 'मौन व्रत' शुरू किया

अन्ना हजारे ने अपने गांव रालेगणसिद्धी में मौन अनशन शुरू किया है. अन्ना ने निर्भया केस में आरोपियों को फांसी की सजा मिलने के बाद भी छह साल की देरी को लेकर अप्रसन्नता जाहिर की है. साथ ही उन्होंने इसे लेकर पीएम और राष्ट्रपति को भी पत्र लिखा है.

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अन्ना हजारे

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Published : Dec 20, 2019, 4:29 PM IST

Updated : Dec 20, 2019, 6:33 PM IST

पुणे : सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने निर्भया मामले और महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराध के मामलों में त्वरित न्याय के लिए मौन व्रत शुरू किया.

गौरतलब है कि हजारे ने महाराष्ट्र के अहमदनगर जिला स्थित अपने पैतृक रालेगणसिद्धि गांव में शुक्रवार को यह मौन व्रत शुरू किया.

अन्ना हजारे ने शुरू किया मौन व्रत

हजारे ने गत नौ दिसम्बर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सूचित किया था कि वह 20 दिसम्बर से मौन व्रत रखेंगे.

हजारे ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, 'मैंने निर्भया मामले में त्वरित न्याय के लिए अपना मौन व्रत शुरू कर दिया है और यदि यह नहीं मिलता है तो मैं अनिश्चितकालीन अनशन करूंगा.'

उन्होंने कहा, ' दिल्ली सहित कई राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराध हो रहे हैं. देश के लोगों ने न्यायिक एवं पुलिस प्रक्रिया में देरी के चलते हैदराबाद बलात्कार एवं हत्या मामले में चार आरोपियों की मुठभेड़ में मौत का स्वागत किया.'

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उन्होंने कहा कि न्याय में देरी से न्यायपालिका में लोगों का भरोसा कम हो रहा है.

उन्होंने महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में त्वरित सुनवाई की मांग की.

इसके अलावा हजारे ने मांग की कि संसद में न्यायिक जवाबदेही विधेयक पारित किया जाए, न्यायाधीशों के रिक्त पद भरे जाएं और पुलिस बल में सुधार को लेकर उच्चतम न्यायालय की सिफारिशें लागू की जाएं.

Last Updated : Dec 20, 2019, 6:33 PM IST

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