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बिहार : निर्भया के आरोपियों को फांसी देने के लिए बक्सर में बन रही रस्सी

बक्सर जेल में बनी रस्सी से ही निर्भया कांड के दोषियों को फांसी की सजा दी जाएगी. यहीं की बनी रस्सी से ही कसाब, अफजल गुरु व याकूब को फांसी दी गई थी.

manila rope of buxar etv bharat
निर्भया के आरोपियों को फांसी देने के लिए बक्सर में बन रही रस्सी

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Published : Dec 9, 2019, 3:51 PM IST

Updated : Dec 9, 2019, 5:44 PM IST

बक्सर : जब भी किसी अपराधी को मौत की सजा दी जाती है तो बक्सर की मनीला रस्सी की चर्चा शुरू हो जाती है. पूरे देश में केवल बक्सर जेल में ही फांसी देने वाली खास रस्सी तैयार होती है. यहीं की बनी रस्सी से कसाब व अफजल जैसे देश के दुश्मनों को फांसी दी गई थी.

फांसी देने वाली रस्सी

जेल अधीक्षक ने क्या कहा?
इस संबंध में केंद्रीय कारा बक्सर के अधीक्षक विजय कुमार अरोड़ा ने बताया कि बक्सर जेल में फांसी के फंदे का निर्माण पहले से ही होता रहा है. यह यहां के लिए सामान्य बात है. देश की किसी जेल में फांसी देने के लिए यहीं से फंदा भेजा जाता है. फंदा खत्म होने की वजह से निर्माण किया जा रहा है. फिलहाल, 10 फंदों का निर्माण कराया जा रहा है. अगर कहीं से भी आधिकारिक तौर पर फंदे की मांग की जाती है, तो उसे फंदा उपलब्ध कराया जाएगा. अभी तक आधिकारिक तौर पर कहीं से डिमांड नहीं आई है.

देखें बक्सर जेल पर ईटीवी भारत की रिपोर्ट

निर्भया के चारों आरोपी फांसी के फंदे पर लटकेंगे?
बता दें कि दिल्ली में साल 2012 में हुए निर्भया गैंगरेप के दोषी विनय शर्मा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास दया याचिका लगाई है. इस मामले में दिल्ली सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट भेज चुकी है. अब गृह मंत्रालय निर्भया के दरिंदों की दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेजेगा. इसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस पर फैसला लेंगे.

अजमल कसाब के लिए बक्सर से भेजी गई थी रस्सी
बक्सर जेल में 1884 में पहली बार बने फंदे से भारतीय कैदी को फांसी दी गई. इसके बाद देश की तमाम जेलों में फांसी के लिए बक्सर से ही रस्सी मंगाई जाती है. मुंबई हमले के आरोपी अजमल कसाब को भी बक्सर जेल में बनी रस्सी से ही फांसी दी गई थी.

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फांसी वाली रस्सी का इतिहास
वर्ष 1844 ई. में अंग्रेज शासकों द्वारा केंद्रीय कारा बक्सर में मौत का फंदा तैयार करने की फैक्ट्री लगाई गई थी. यहां तैयार किए गए मौत के फंदे से पहली बार सन 1884 ई. में एक भारतीय नागरिक को फांसी पर लटकाया गया था.

देखें बक्सर जेल पर ईटीवी भारत की रिपोर्ट

खास है 'मनीला' रस्सी
पहले यह रस्सी फिलीपिंस की मनीला जेल में बनती थी, इसलिए इसे मनीला रस्सी भी कहा जाता है. देश में जब-जब मौत का फरमान जारी होता है, केंद्रीय कारा बक्सर के कैदी ही मौत का फंदा तैयार करते हैं. इसे खास किस्म के धागों से तैयार किया जाता है.

फांसी देने वाली रस्सी

ऐसे बनती है रस्सी
जेल मैनुअल के अनुसार एक फांसी की रस्सी को तैयार करने में 3 से 4 दिनों का समय लगता है. यहां दो प्रशिक्षित कैदियों की देखरेख में इस काम को अंजाम दिया जाता है. बाकायदा कारागार परिसर में इनके लिए अलग से कमरे की व्यवस्था है. इन रस्सियों का एक तय मानक के अनुरूप लम्बाई, चौड़ाई और वजन निर्धारित है.

मौत के फंदे की कीमत 1700 रुपये
पहले कच्चे सूत से एक-एक कर अठारह धागे तैयार किए जाते हैं. इसके बाद सभी धागों को मिलाकर एक मोटी रस्सी तैयार की जाती है. एक पीतल के बुश पर इस प्रकार ऐठन किया जाता है कि 56 फिट लंबी रस्सी 16 फिट की हो जाती है. यही 16 फीट की रस्सी फांसी के लिए तैयार हो जाती है. इसकी कीमत 1700 रुपये रखी गई है.

Last Updated : Dec 9, 2019, 5:44 PM IST

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