नई दिल्ली : असम-मेघालय की सीमा पर कपिली पनबिजली परियोजना में बीते दिनों हुए हादसे में चार कर्मचारियों की मौत हो गई थी. इस बाबत पूर्वोत्तर के विशेषज्ञ सुबिमल भट्टाचार्य का मानना है कि सरकार को इस हादसे पर कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने पूर्वोत्तर की आगामी बिजली परियोजनाओं पर चिंता जताई.
सुबिमल ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि कपिली जैसी आपदा रोकने को सही उपाय करने के लिए सरकार के पास एक मजबूत उदाहरण होना चाहिए.
उन्होंने कहा यह घटना वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण थीस, जो असम-मेघालय सीमा पर स्थित कपिली पनबिजली स्टेशन पर हुई. रिपोर्ट के मुताबिक यह घटना कपिली नदी के अम्लीय जल के कारण हुई. यहां पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा कोयला खनन पर प्रतिबंध लगाने वाले आदेश को लागू करना चाहिए.
विशेषज्ञ ने कहा, 'नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (NEEPCO) द्वारा संकलित संसदीय रिपोर्टों ने सुझाव दिया कि कपिली नदी के आसपास चल रहे अवैध खनन ने पानी को अम्लीय बना दिया है.'