सरगुजा : बीमारी से पति और कैंसर से बेटी खोने के बाद इस मां ने यह कभी नहीं सोचा होगा कि जो बेटा उसके बुढ़ापे की लाठी बनता, मरने के बाद उसे कंधा देता... उसी बेटे की अर्थी वह अपने हाथों से सजाएगी. इस बेटे के सहारे मां मंजू शुक्ला ने बुढ़ापा काटने का सपना देखा था, उसने आत्महत्या कर ली. मंजू ने अपने हाथ से अपने बेटे की अर्थी सजाई और मुखाग्नि दी. वह तो अपने बेटे का देहदान करना चाहती थी लेकिन नियमों की वजह से ऐसा संभव नहीं हो सका.
ओडिशा का रहने वाला अजीत शुक्ला छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के कांसा बेल में अपनी मां मंजू के साथ रहता था. पिता की मौत के बाद अजीत कांसाबेल स्थित भगवती फैशन कपड़ा दुकान में काम कर अपना और अपनी मां का भरण पोषण कर रहा था, लेकिन अचानक आठ मई को उसने जहर खा लिया. गंभीर हालत में उसे कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया और इलाज के दौरान सोमवार रात उसने दम तोड़ दिया.
बुढ़ापे में अपने जवान बेटे को खोने वाली मां की हिम्मत देख हर कोई हैरान था. बेटे की मौत के बाद अजीत की मां उसका देहदान करना चाहती है, जिससे मेडिकल की पढ़ाई करने वालों के काम आ सके. लेकिन यह मामला आत्महत्या का था इसलिए नियम के अनुसार पुलिस को शव का पोस्टमार्टम कराना पड़ा और पोस्टमार्टम के बाद शव मेडिकल कॉलेज नहीं लेता.
बेटी के बाद हुई थी पति की मौत