चंडीगढ़ : कोरोना वायरस की वजह से देश के कई राज्य लॉक डाउन हो चुके हैं. ऐसे में कई लोगों को लगता है कि लॉक डाउन का मतलब सब बंद होना होता है. हालांकि लॉकडाउन का मतबल ही तालाबंदी होता है, लेकिन इस स्थिति में अलग प्रावधान हैं. लॉकडाउन को कर्फ्यू जैसी ही स्थिति वाला, लेकिन उसमें कुछ छूट वाली तालाबंदी की स्थिति को कहा जा सकता है, लेकिन इससे आम जिंदगी पूर्ण रूप से बाधित नहीं होगी. तमाम जरूरी सेवाएं जारी रहेंगी.
लॉकडाउन से जुड़ी ये कुछ बातें आपको ये जानने में मदद करेंगी कि इस परिस्थिति में क्या करना चाहिए और क्या नहीं.
कौन-कौन घर से निकल सकता है?
महामारी के दौरान काम कर रहे एसेंशियल सर्विस के कर्मचारी घर से बाहर निकल कर काम कर सकते हैं. यानी पुलिस, डॉक्टर, फायर सर्विस कर्मी, बिजली वाले, जल सेवा मुहिया करवाने वाले कर्मी, जरूरी सेवाएं मुहैया करवाने वाले जैसे अस्पताल, पुलिस, प्रशासन, पेट्रोल पंप, सीनजी, क्लीनिक, कैमिस्ट, राशन और फल सब्जियों की दुकानें, गैस सिलेंडर की आपूर्ति जारी रहेगी.
क्या-क्या कर सकते हैं आप?
आप घर से बाहर निकलने के अलावा सब कुछ कर सकते हैं. फोन इस्तेमाल कर सकते हैं, नेट इस्तेमाल कर सकते हैं, टीवी देख सकते हैं, लेकिन घर से बाहर नहीं निकल सकते.
पढे़ं :लॉकडाउन का तीसरा दिन : जानें देश के क्या हैं हालात..
आम नागरिक घर से बाहर कब निकल सकता है?
लॉक डाउन के दौरान कोई भी अपनी जरूरत की चीजों को लेने के लिए घर से बाहर निकल सकता है. पूछे जाने पर उसे बताना होगा कि वो दूध लेने, सब्जी लेने या अस्पताल किस वजह से बाहर जा रहा है. अगर जरूरत सही पाई जाती है तो उसे जाने दिया जाएगा.