रांची: साइबर अपराधों के लिए देशभर में बदनाम झारखंड का जामताड़ा जिला एक बार फिर से चर्चा में है. इस बार जामताड़ा के एक साइबर अपराधी ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर से 23 लाख रुपए ठग लिए. जामताड़ा पुलिस ने पंजाब पुलिस की सूचना पर कार्रवाई करते हुए साइबर ठग अताउल अंसारी को गिरफ्तार कर पंजाब पुलिस के हवाले कर दिया है. परनीत कौर पंजाब के पटियाला से सांसद हैं.
संसद सत्र के दौरान हुई ठगी
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की सांसद पत्नी परनीत कौर से यह ठगी संसद के सत्र के दौरान दिल्ली में की गई. जामताड़ा के साइबर अपराधी अताउल अंसारी ने खुद को एसबीआई का बैंक मैनेजर बताते हुए परनीत कौर को फोन किया और कहा कि उनकी सैलरी अकाउंट में डालनी है, इसलिए जल्दी से अपना अकाउंट, एटीएम नंबर और सीवीसी नंबर बता दें. क्योंकि देर होने पर सैलरी अटक जाएगी.
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जामताड़ा जिले से यह ठगी की गई है
अताउल ने यह भी कहा कि वह फोन को होल्ड पर रखे हुए हैं. आपके पास एक ओटीपी नंबर आएगा. उसे भी बता दीजिए ताकि आप अभी ही आपकी सैलरी आपके खाते में डाल दी जाए. ओटीपी नंबर बताते ही परनीत के खाते से 23 लाख रुपए निकल गए. मैसेज देखते ही उनके होश उड़ गए. उन्होंने तुरंत इस मामले की सूचना पुलिस को दी. पंजाब पुलिस की जांच में पता चला कि झारखंड के जामताड़ा जिले से यह ठगी की गई है.
पंजाब डीजीपी ने दी झारखंड डीजीपी को जानकारी
मुख्यमंत्री की पत्नी के साथ हुई ठगी की सूचना पंजाब के डीजीपी ने झारखंड के डीजीपी कमल नयन चौबे को दी. जिसके बाद साइबर पुलिस और जामताड़ा पुलिस तुरंत एक्टिव हुई. जांच के क्रम में यह पता चला कि साइबर टीम में कुछ दिन पहले ही जामताड़ा के करमाटांड़ का रहने वाला अताउल अंसारी के द्वारा इस ठगी को अंजाम दिया गया है. झारखंड पुलिस के एडीजी मुरारी लाल मीणा ने बताया कि इस मामले में कार्रवाई करते हुए अताउल अंसारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. छापेमारी में उसके पास और उसके घर से सात महंगे मोबाइल, आठ सिम कार्ड, विभिन्न बैंक शाखा के आठ एटीएम कार्ड, 41 हजार रुपए नगद, एक टीवी और दो स्कूटी जब्त की गई थी.
अताउल अंसारी को पंजाब पुलिस ले गई अपने साथ
अताउल अंसारी की गिरफ्तारी की सूचना के बाद पंजाब पुलिस की छह सदस्य टीम झारखंड के जामताड़ा जिले पहुंची और अताउल को रिमांड पर लेकर अपने साथ चली गई. पुलिस मुख्यालय में आईजी नवीन सिंह ने बताया कि पंजाब पुलिस की सूचना पर अताउल की गिरफ्तारी के लिए सीआईडी ने भी जामताड़ा पुलिस की मदद की है. हालांकि अभी तक पुलिस अताउल के द्वारा ठगे गए 23 लाख रुपए की बरामदगी नहीं कर पाई है, इसके लिए प्रयास किया जा रहा है.
पूरे देश मे बदनाम है झारखंड का जामताड़ा जिला
झारखंड का जामताड़ा जिला साइबर क्रिमिनल्स का सबसे बड़ा गढ़ है. इस जिले में अभी तक देश की 22 राज्यों की पुलिस अलग-अलग साइबर अपराधों को लेकर छापेमारी कर चुकी है. खासकर जामताड़ा के करमाटांड़ इलाके में तो एक पूरा गांव ही साइबर ठगी का काम करता है. जामताड़ा में साइबर क्रिमिनल्स अपना गिरोह चला रहे हैं.
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तीन हजार से अधिक मामले
ये अपराधी खाते से पैसे की निकासी, ऑनलाइन ठगी और लॉटरी के नाम पर ठगी को अंजाम दे रहे हैं. इन इलाकों में संगठित साइबर अपराध का गिरोह चलाने वाले शातिर ठग सबसे ज्यादा एटीएम के जरिए ठगी को अंजाम देते हैं. केवल साल 2018 से 2019 जून तक पूरे झारखंड से लगभग साइबर अपराध के 3,000 से अधिक मामले सामने आए हैं. जिसमें सबसे अधिक साइबर ठगी के मामले जामताड़ा से अंजाम दिए गए हैं. जामताड़ा के साइबर अपराधी इतने शातिर हो चुके हैं कि वह भारत के अलग-अलग राज्यों के लोगों से जामताड़ा में बैठकर ही ठगी की घटनाओं को अंजाम दे डालते हैं.