बेंगलुरु: ऐसा माना जाता है कि भारतीय पश्चिमी संस्कृति की ओर आकर्षित हो रहे हैं लेकिन आज के समय की बात करें तो कई विदेशी भारतीय संस्कृति की ओर न सिर्फ आकर्षित हो रहे हैं बल्कि उसे अपना भी रहे हैं. ऐसा ही कर्नाटक के दावणगेरे में देखने को मिला, जहां कई विदेश भारतीय योग और पूजा-पाठ कर खुद को तनाव मुक्त बनाने के लिए भारत आ रहे हैं.
भारतीय संस्कृति में लीन हुए विदेशी विदोशियों को किया जा रहा है प्रशिक्षित
कर्नाटक के दावणगेरे में हरिहरा पंचमाशली जगद्गुरु पीठ में ऐसे कई विदोशियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है, जो भारतीय संस्कृति की ओर आकर्षित हैं.
भोजन और आश्रय तक की सुविधा
यहां पंचमाशली पीठ में वाचनानंद स्वामीजी अलग-अलग देशों से आए कई विदेशियों को भारतीय संस्कृति, योग, ध्यान और आध्यात्मिकता सिखा रहे हैं. खास बता ये है कि स्वामीजी इन्हें सिर्फ संस्कृति ही नहीं बल्कि उन्हें भोजन, कपड़े और आश्रय की भी सुविधा दे रहे हैं.
यहां योग से लेकर पूजा-पाठ तक करते हैं विदेशी विदेशियों में फैल रही पर्यावरण चेतना
इसके अलावा स्वामीजी यहां पर्यावरण चेतना भी फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए वह विदेशियों को पेड़ लगाने की भी सीख दे रहे हैं. यहां कई पेड़ लगाए जाते हैं, जिन्हें विदेशी अपने हाथों से लगाते हैं.
विदेशी अपने हाथों से लगाते हैं पेड़ अंतरराष्ट्रीय पीठ बनाने का है स्वामीजी का सपना
बता दें, स्वामीजी का पंचमाशली पीठ को एक अंतरराष्ट्रीय पीठ बनाने का सपना है. साथ ही साथ वह इस पीठ को भारत का राष्ट्रीय पर्यटन स्थल भी बनाना चाहते हैं. स्वामीजी चाहते हैं कि भारतीय संस्कृति को पूरी दुनिया में लोग जानें.