नई दिल्ली : बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में पांच नए ऐतिहासिक धरोहरों के बारे में जिक्र किया. उन्होंने जानकारी दी कि इन पांचों धरोंहरों में म्यूजियम बनाए जाएंगे.
वित्त मंत्री ने बताया कि जिन स्थानों पर म्यूजियम बनाए जाएंग उनमें मेरठ जिले का हस्तिनापुर भी शामिल है. वहीं राखीगड़ी, हस्तिनापुर, शिव सागर, धोलावीरा गुजरात, तमिलनाडु के आदिचनल्लूर गांव में भी म्यूजियम बनाए जाएंगे.
वित्त मंत्री ने इन जगहों के साथ-साथ सरस्वती-सिंधू सभ्यता के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि हम इन स्थानों को पुर्न: जीवित करेंगे. ये सभ्यता 3000 साल पुरानी है.
आइकॉनिक साइट्स को विकसित करने के बारे में बात करते हुए वित्त मंत्री, वीडियो देखें. हस्तिनापुर-मेरठ, उत्तर प्रदेश
दिल्ली से लगभग 90 किलोमीटर उत्तर पूर्व की तरफ गंगा के किनारे बाएं तट पर महाभारत काल का सबसे प्रसिद्ध एवं चर्चित महानगर हस्तिनापुर अवस्थित था. वर्तमान में उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास स्थित इस जगह के लिए ही कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध लड़ा गया था. महाभारत नाम के हिंदू ग्रंथ के अनुसार यह जगह कौरवों की यह राजधानी, भीष्म पितामह जैसे महावीरों अर्जुन जैसे धर्नुधारियों एवं दुर्योधन जैसे अहंकारियों के क्रिया-कलाप के कारण भारतवर्ष के समस्त राजन्यवर्ण की नीति निर्धारण का केन्द्र रही थी.
राखीगड़ी-हिसार, हरियाणा
हरियाणा के राखीगढ़ी में मिले कंकालों के डीएनए सैंपलों से पता चला है कि इनका आर्यन के जीन से कोई संबंद्ध नहीं है. हरियाणा में स्थित राखीगढ़ी सिंधु घाटी सभ्यता की जगहों में शामिल है. एक अध्ययन में राखीगढ़ी में मिले कंकाल जो 2500 बीसी पुराने बताए जा रहे हैं, फिलहाल उन पर शोध किया गया है. बता दें कि यह समय हड़प्पा सभ्यता के दौरान का था.
शिव सागर, असम
भारत के राज्य असम के शिवसागर जिले का एक शहर और जिले का मुख्यालय है. यह असम की राजधानी गुवाहाटी से करीब 360 किलोमीटर (224 मील) की दूरी पर स्थित है. असम में शिवसागर एक धरोहर स्थल है क्योंकि यहां पूर्ववर्ती अहोम राष्ट्र के बहुत से स्मारक स्थित हैं. अब यह एक बहु-सांस्कृतिक शहर है. शिवसागर ब्रह्मपुत्र की सहायता दिखू नदी के किनारे स्थित है. जोरहाट से 50 किलोमीटर दूर पूर्वोत्तर में है.
धोलावीरा, गुजरात
धोलावीरा अपनी सुनिर्मित प्राचीरों के कारण सिंधु घाटी की सभ्यता के अन्य प्राचीन शहरों से अलग है. आमतौर पर यह देखा गया है कि शहर का किला ही प्राचीरों से सुरक्षित किया जाता है. धोलावीरा का निर्माण कुछ ऐसे किया गया कि न केवल किला किन्तु समूचा शहर एवं शहर के अन्य भाग जैसे मध्य नगर और निम्न नगर भी प्राचीरों से घिरे हुए हैं.
बजट 2020-21 : गांव, गरीब, किसान और रोजगार पर रहा फोकस
आदिचनल्लूर गांव, तमिलनाडु
यहां कई सालों से पुरात्व विभाग खुदाई कर रहा है. इन खुदाइयों में पात्रों में शवों के अवशेष मिले थे. जिनसे तमिलनाडु के 2600 साल पहले तमिल सभ्यता के बारे में बता चलता है. फिलहाल कई विशेषज्ञ यहा खुदाई से मिले अवशेषों पर रिसर्च कर रहे हैं.