पोखरण : अपनी सैन्य क्षमता में और इजाफा करते हुए भारत ने गुरुवार को एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल- नाग का अंतिम परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया. इस मिसाइल को जल्द ही भारतीय सेना में शामिल किया जाएगा.
2008 में रक्षा मंत्रालय ने सेना के लिए 300 नाग मिसाइलों और 25 मिसाइल वाहकों की खरीद की मंजूरी दी थी. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने बताया कि परीक्षण सुबह 6.45 बजे राजस्थान के पोखरण क्षेत्र फायरिंग रेंज में किया गया.
मिसाइल को वास्तविक वारहेड के साथ एकीकृत किया गया था और एक टैंक लक्ष्य निर्धारित सीमा पर रखा गया था. यह नाग मिसाइल कैरियर नामिका (एनएएमआईसीए) से लॉन्च किया गया.
डीआरडीओ द्वारा विकसित किया गया यह मिसाइल दिन और रात में दुश्मन टैंकों के साथ लड़ने में सक्षम है. नाग मिसाइल वाहक नामिका एक इन्फैन्ट्री कॉम्बैट व्हीकल बीएमपी2 आधारित प्रणाली है. अब यह उत्पादन चरण में प्रवेश करेगा.
मिसाइल का उत्पादन भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) द्वारा किया जाएगा, जबकि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री मेडक नामिका का उत्पादन करेगी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ और भारतीय सेना को के सफल परीक्षण के लिए बधाई दी है. मिसाइल के उत्पादन चरण तक लाने में डीआरडीओ के चेयरमैन जी. सतीश रेड्डी का अहम योगदान है.