बेंगलुरू : पूर्व विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने कहा कि देश के सभी दलों में आंतरिक लोकतंत्र का अभाव है और सत्ता में मौजूद नेतृत्व की आलोचना के डर को ‘छोड़ना होगा’. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा की कार्यप्रणाली और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की, लेकिन साथ ही कहा कि कांग्रेस अब भी प्रभावी ताकत है और वह क्षेत्रीय संगठनों के साथ फिर से एकजुट होकर जे पी नड्डा नीत पार्टी के सामने चुनावी चुनौती पेश कर सकती है.
उन्होंने कहा कि भाजपा की 2024 में संसदीय चुनाव में फिर से सत्ता में निश्चित ही वापसी होगी और मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे.
कृष्णा कांग्रेस से 45 साल से अधिक समय तक जुड़े रहने के बाद करीब तीन साल पहले भाजपा में शामिल हुए थे.
कृष्णा ने कहा कि राजनीतिक दलों को एक ऐसी प्रणाली विकसित करनी होगी, जिसमें आंतरिक लोकतंत्र की झलक मिलती हो.
महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल ने कहा, 'हर राजनीतिक दल में आंतरिक लोकतंत्र का अभाव है. हमें ऐसी प्रणाली विकसित करने की आवश्यकता है, जिसमें आंतरिक लोकतंत्र की झलक मिलती हो.'
उन्होंने कहा, 'गांधीजी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के दौर में जो आंतरिक लोकतंत्र था, उससे प्रेरणा ली जा सकती है. उस मॉडल को बदले हालात के अनुसार ढाला जाए. यह आदर्श स्थिति होगी.'
हाल में ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ सचिन पायलट के विद्रोह के बारे में पूछे जाने पर कृष्णा (88) ने दावा किया कि यह उस पार्टी में 'गहरी जड़ें जमा चुकी असहजता' के कारण है.