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केंद्र के प्रस्ताव पर विचार करेगा संयुक्त मोर्चा, कृषि मंत्री बोले- यूपी के किसानों से मिला समर्थन

किसान आंदोलंन
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Published : Dec 22, 2020, 7:33 AM IST

Updated : Dec 22, 2020, 8:32 PM IST

20:02 December 22

NH-21पर महापड़ाव डालकर बैठ किसान

दिल्ली में चल रहे किसानों के आंदोलन के समर्थन में मंगलवार को भरतपुर के किसान NH-21पर महापड़ाव डालकर बैठ गए. किसानों का कहना है कि ये महापड़ाव अनिश्चितकालीन है. जब तक केंद्र सरकार तीनों काले कानून वापस नहीं लेगी, तब तक भरतपुर में किसानों का महापड़ाव जारी रहेगा.

किसान नेताओं ने बताया कि किसान संयुक्त संघर्ष समिति ने एक फैसला लिया था कि दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में महापड़ाव की शुरुआत की जाएगी. लोगों के बीच काले कानूनों के बारे में जागरूकता लाने के लिए कमेटियों द्वारा गांवों का दौरा किया जाएगा, जिससे लोगों को पता लगे कि तीन काले कानून सभी के लिए कितने घातक हैं. इन कानूनों से किसान के साथ गरीब तबके के लोग भी बर्बाद हो जाएंगे.

19:14 December 22

कानूनों का उद्देश्य किसानों के हितों को चुने हुए क्रोनी कैपिटलिस्ट के हाथों में सौंपना : वेणुगोपाल

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस सांसदों और नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल 24 दिसंबर को राष्ट्रपति से मिलेगा और लगभग 2 करोड़ हस्ताक्षर सौंपकर उनसे कृषि कानूनों को वापस लेने का आग्रह करेगा.

इस संबंध में कांग्रेस के महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा है कि भारत के लाखों किसान सरकार द्वारा पारित किए गए तीन कृषि कानूनों का ठंड के मौसम में विरोध कर रहे हैं.  

कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार द्वारा बनाए गए कानूनों का उद्देश्य किसानों के हितों को चुने हुए क्रोनी कैपिटलिस्ट के हाथों में सौंपना है.

18:33 December 22

यूपी के किसानों ने केंद्र के कानून का समर्थन किया : कृषि मंत्री

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि कुछ किसान नेता (यूपी से) खेत कानूनों में अपना समर्थन देने के लिए आज मुझसे मिले. बकौल कृषि मंत्री किसानों ने कहा कि तीन कानूनों में कोई संशोधन नहीं किया जाना चाहिए.

17:44 December 22

श्रवण सिंह पंढेर बोले- किसान संगठनों पर चक्रव्यूह रच रही सरकार, संयुक्त मोर्चा केंद्र के प्रस्ताव पर करेगा विचार

पिछले 26 दिनों से सिंघु सीमा पर डटे किसान नेता कुलवंत सिंह संधू ने कहा कि आज की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि केंद्र द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर क्या निर्णय लिया जाएगा. 

उन्होंने आगे कहा कि ब्रिटेन के पीएम 26 जनवरी को भारत आने वाले हैं. हम ब्रिटिश सांसदों को लिखेंगे कि वे ब्रिटेन के पीएम को भारत आने से तब तक के लिए रोक दें, जब तक कि किसानों की मांगें भारत सरकार पूरी नहीं कर देती. 

इसके साथ ही हरियाणा के किसान 25-27 दिसंबर को हरियाणा के टोल प्लाजा फ्री करेंगे.

इससे पहले किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के सदस्य श्रवण सिंह पंढेर ने कहा कि सरकार की तरफ से एक खत आया कि अगर आप कृषि कानून वापस लेने वाली बात से पीछे हटकर संशोधन करने के लिए बात करना चाहते हैं, तो समय और तारीख दो. किसान संगठनों पर चक्रव्यूह रचने का प्रयास किया जा रहा है.

उन्होंने आगे कहा कि यह सरकार द्वारा यह एक कदम आगे नहीं है, बल्कि किसानों को बरगलाए जाने का एक तरीका है. एक सामान्य व्यक्ति यह सोचता है कि किसान जिद्दी हैं, लेकिन तथ्य यह है कि हम कृषि कानूनों में संशोधन नहीं चाहते हैं, हम चाहते हैं कि वे पूरी तरह से दूर हो जाएं.

15:41 December 22

हरियाणा में किसानों ने किया सीएम का घेराव, पुलिस से हाथापाई

हरियाणा में किसानों ने किया सीएम का घेराव, पुलिस से हाथापाई

मंगलवार को प्रदेश के मुखिया मनोहर लाल खट्टर अंबाला नगर निगम चुनाव के लिए पहुंचे. यहां उन्हें किसानों के गुस्से का सामना करना पड़ा. किसानों ने मुख्यमंत्री के काफिले की गाड़ियों को रोका. इस दौरान कई किसानों और पुलिस के बीच जबरदस्त हाथापाई हुई.  

सैकड़ों की संख्या में किसान मुख्यमंत्री के काफिले का घेराव करने पहुंचे थे. मौके पर भारी पुलिस बल की तैनाती थी. लेकिन फिर भी किसान सीएम के काफिले को रोकने में कामयाब रहे. मुख्यमंत्री के काफिले की कई गाड़ियों को काफी देर तक किसान घर कर खड़े रहे.  

इस दौरान अंबाला पुलिस के जवानों और किसानों के बीच कई देर तक हाथापाई हुई. बता दें कि किसान लगातार कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. ऐसे में किसानों ने ये रणनीति बनाई है कि बीजेपी के नेताओं का हर जिले में घेराव किया जाए. इसी कड़ी में मंगलवार को किसान मुख्यमंत्री का घेराव करने पहुंचे. लेकिन यहां स्थिति बेकाबू हो गई.

11:24 December 22

किसानों ने दिल्ली से गाजियाबाद जाने वाला NH-9 को किया बंद

NH-9 को किया बंद

बीते तीन हफ्तों से अधिक से दिल्ली यूपी बॉर्डर-यूपी गेट पर किसानों का आंदोलन जारी है. आंदोलन में शामिल होने के लिए लगातार उत्तर प्रदेश उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों के किसान यूपी गेट पहुंच रहे हैं. यूपी गेट आ रहे किसानों को पीलीभीत के पास पुलिस प्रशासन ने रोक दिया है. जिसके बाद किसान उग्र हो गए और NH-9 बंद कर दिया.

NH-9 पूरी तरह से बंद

दिल्ली यूपी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जैसे-जैसे आंदोलन में किसानों की संख्या बढ़ रही है वैसे-वैसे आंदोलन भी उग्र रूप लेता नजर आ रहा है. किसानों ने आज दिन निकलते ही दिल्ली से गाजियाबाद जाने वाला NH-9 पूरी तरह से बंद कर दिया. किसानों के मुताबिक यूपी गेट आ रहे किसानों की दर्जनभर से अधिक ट्रैक्टर ट्राली पीलीभीत में पुलिस प्रशासन द्वारा रोकी गई. जिसके बाद अचानक से किसान दिल्ली से गाजियाबाद जाने वाली नेशनल हाईवे 9 की लिंक पर जाकर बैठ गए और हाईवे जाम कर दिया. बता दें कि किसान आंदोलन के चलते पहले से ही गाजियाबाद से दिल्ली जाने वाली नेशनल हाईवे 9 की तमाम लेन बंद है. किसान इन पर डेरा जमाए बैठे हुए हैं.

किसानों का कहना था कि सरकार किसानों की आवाज को दबाना चाहती है. इसलिए आंदोलन में शामिल होने आ रहे किसानों को बीच रास्ते में ही रोका जा रहा है. जब तक ट्रैक्टर-ट्राली को पुलिस द्वारा छोड़ा नहीं जाता है तब तक दिल्ली से गाजियाबाद जाने वाला नेशनल हाईवे 9 यूं ही बंद रहेगा.

11:19 December 22

किसान अपने हक की लड़ाई लड़ रहे है

किसान अपने हक की लड़ाई लड़ रहे है

आप नेता राघव चड्ढा ने कहा मोदी सरकार ने किसानों के साथ संवाद को अहम की लड़ाई बना लिया है. सरकार को उनकी बात स्वीकार करनी चाहिए. आज दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर किसान अपने हक की लड़ाई लड़ रहे है. बहुत दुखद दृश्य है. मोदी सरकार को इसी समय किसानों की सारी मांगों को मान लेना चाहिए

11:16 December 22

विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान अभी भी डटे हुए हैं

विरोध प्रदर्शन

कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान अभी भी डटे हुए हैं. किसानों को यहां विरोध प्रदर्शन करते हुए आज 27 दिन हो गए हैं।

11:13 December 22

सरकार से नहीं मिला बैठक का निमंत्रण: राकेश टिकैत

सरकार से नहीं मिला बैठक का निमंत्रण

 भारतीय किसान यूनियन प्रवक्ता गाज़ीपुर बॉर्डर से राकेश टिकैत ने कहा हमें कृषि मंत्री से अभी तक बैठक का कोई निमंत्रण नहीं मिला है. किसानों ने निर्णय लिया है कि जब तक सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती तब तक वे वापस नहीं जाएंगे. सभी मुद्दों को हल करने में एक महीने से अधिक समय लगेगा 

09:29 December 22

टिकरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन

टिकरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन

कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान अभी भी डटे हुए हैं.

08:24 December 22

धरने पर बैठे बुंदेलखंड के किसान नेता की सेहत बिगड़ी, ICU में भर्ती

किसान नेता की सेहत बिगड़ी

नेशनल हाइवे पर धरने पर बैठे बुंदेलखंड के किसान नेता विमल कुमार शर्मा की देर रात तबीयत बिगड़ गई. उन्हें आनन फानन में पलवल के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां फिलहाल आईसीयू में उनका इलाज चल रहा है. डॉक्टर मनजीत कौर ने बताया कि किसान नेता को नाजुक हालात में अस्पताल लाया गया था. उनका ब्लड प्रैशर हाई था और शुगर भी बढ़ी हुई थी. साथ ही उन्हें चेस्ट में भी दर्द की शिकायत थी. जांच के बाद इलाज शुरू किया गया और उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया. फिलहाल उनकी हालात में काफी हद तक सुधार है और वो खतरे से बाहर हैं.डॉक्टर ने आगे बताया कि अभी किसान नेता को दो से तीन दिन अस्पताल में रखा जाएगा. वहीं तबीयत बिगड़ने के कारण पर डॉक्टर ने कहा कि ज्यादा सर्दी और खानपान ठीक से नहीं होने पर किसान नेता की तबीयत बिगड़ने की संभावना है.

पिछले कई दिनों से धरने पर बैठे हैं किसान

गौरतलब है कि पलवल पुलिस ने मध्य प्रदेश और बुंदेलखंड से दिल्ली जा रहे किसानों को पलवल में रोक दिया था. पुलिस ने किसानों को केएमपी-केजीपी इंटरचेंज के पास रोका था, जिसके बाद किसान यहीं धरने पर बैठ गए. बीते कई दिनों से किसान यहां धरना दे रहे हैं. इसके अलावा अब किसानों की ओर से भूख हड़ताल भी शुरू की गई है.

06:53 December 22

किसान आंदोलन लाइव अपडेट

नई दिल्ली : किसान आंदोलन का 27वां दिन है. किसान नेताओं ने दावा किया कि वार्ता के लिए अगली तारीख के संबंध में केंद्र के पत्र में कुछ भी नया नहीं है. केंद्र के नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर हरियाणा और उत्तरप्रदेश से लगी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसानों ने क्रमिक भूख हड़ताल शुरू की है.

क्रांतिकारी किसान यूनियन के गुरमीत सिंह ने कहा कि किसान नेताओं के अगले कदम के लिए मंगलवार को बैठक करने की संभावना है. किसान संगठन बिहार जैसे दूसरे राज्यों के किसानों से भी समर्थन लेने का प्रयास कर रहे हैं.

दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर हजारों किसान कड़ाके की सर्दी में पिछले लगभग चार सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे हैं और नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. इनमें ज्यादातर किसान पंजाब और हरियाणा से हैं.

नए कृषि कानूनों के विरोध में अलग-अलग स्थानों पर किसानों का धरना सोमवार को भी जारी रहा. किसानों ने इस दौरान 24 घंटे की भूख हड़ताल की.

कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने करीब 40 किसान संगठनों के नेताओं को रविवार को पत्र लिखकर कानून में संशोधन के पूर्व के प्रस्ताव पर अपनी आशंकाओं के बारे में उन्हें बताने और अगले चरण की वार्ता के लिए सुविधाजनक तारीख तय करने को कहा है ताकि जल्द से जल्द आंदोलन खत्म हो.

किसानों और केंद्र सरकार के बीच पांचवें दौर की बातचीत के बाद नौ दिसंबर को वार्ता स्थगित हो गई थी क्योंकि किसान यूनियनों ने कानूनों में संशोधन तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी रखने का लिखित आश्वासन दिए जाने के केंद्र के प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया था.

हरियाणा कांग्रेस प्रमुख कुमारी शैलजा ने क्या कहा जानें

हरियाणा कांग्रेस प्रमुख कुमारी शैलजा ने सोमवार को यह कहते हुए केंद्र पर निशाना साधा कि किसान हफ्तों से कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन उनकी पीड़ा से उस पर कोई असर नहीं पड़ा है.

शैलजा ने दावा किया कि 30 से अधिक प्रदर्शनकारी किसानों की मृत्यु हो गई है, लेकिन इस सबका भाजपा सरकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है, जिसने असंवेदनशीलता की सभी सीमाएं पार कर ली हैं.

उन्होंने यहां एक बयान में कहा, ‘‘भाजपा सरकार का रवैया हमें अंग्रेजों द्वारा देश के लोगों के खिलाफ किए गए जुल्म की याद दिलाता है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने दावा किया, 30 से अधिक किसान अब तक अपनी जान गंवा चुके हैं, जिसके लिए भाजपा सरकार सीधे जिम्मेदार है. निर्दयी भाजपा सरकार अपने अहंकार में डूबी हुई है.

उन्होंने कहा, भाजपा सरकार का यह क्रूर चेहरा देश के इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा.

किसान संगठनों ने दावा किया है कि 30 से अधिक प्रदर्शनकारी किसानों की दिल का दौरा पड़ने और सड़क दुर्घटनाओं सहित विभिन्न कारणों से मृत्यु हो गई है.

Last Updated : Dec 22, 2020, 8:32 PM IST

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