दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

छत्तीसगढ़ : पौधरोपण के जरिए 28 हजार लोगों को मिला रोजगार - हरियर छत्तीसगढ़ योजना

छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में हरियर छत्तीसगढ़ योजना के तहत विभिन्न प्रजाती के लगभग 16 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसे तीन चरणों में पूरा किया जाना है. जिले में 10 पौध रोपण केंद्रों के जरिए यह काम किया जा रहा है. इस काम के लिए 14 मजदूरों को मनरेगा के तहत और अन्य 14 हजार मजदूरों को विभाग मद से पैसे दिए गए हैं.

plantation
पौधरोपण

By

Published : Jul 5, 2020, 10:49 AM IST

Updated : Jul 5, 2020, 12:04 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ की धरती को दोबारा हराभरा करने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश में 'पौधा तुंहर द्वार' योजना की शुरुआत की है. महासमुंद जिला प्रशासन भी जिले की हरियाली को लेकर काफी सजग है. यहां हरियर छत्तीसगढ़ योजना के तहत विभिन्न प्रजाती के लगभग 16 लाख पौधे रोपे जाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसे तीन चरणों में पूरा किया जाना है. वन विभाग पौधरोपण करवाकर ग्रामीणों को रोजगार दे रहा है.

कोरोना काल और लॉकडाउन ने जहां लोगों के रोजगार को प्रभावित किया है, वहीं महासमुंद में प्रशासन ने मजदूरों को पौधरोपण के कार्य में लगाकर रोजगार देने का काम किया है. यहां मनरेगा के तहत 28 हजार मजदूरों को रोजगार दिया गया है.

हरियाली के साथ 28 हजार लोगों को रोजगार

महासमुंद जिले में 10 पौध रोपण केंद्र के जरिए काम किया जा रहा है. 14 मजदूरों को मनरेगा के तहत और अन्य 14 हजार मजदूरों को विभाग मद से पैसे दिए गए हैं. बेरोजगारी के इस दौर में जब लोग रोजगार के लिए भटक रहे हैं, ऐसे वक्त में इन ग्रामीणों को 27 लाख से भी अधिक का भुगतान किया गया है.

यह हैं आंकड़े -

  • जिले में 10 रोपण केंद्र हैं.
  • 16 लाख 31 हजार 114 पौधे रोपित किए गए.
  • 74 विभिन्न प्रजातियों के पौधे तैयार किए गए.
  • 28 हजार मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया गया.
  • मनरेगा के तहत 14 हजार मजदूरों को 27 लाख 83 हजार 918 रुपये का भुगतान हुआ
  • 14 हजार मजदूरों को अन्य सरकारी मदों से भुगतान किया गया.

74 विभिन्न प्रजातियों के पौधों में महुआ, इमली, करण, अर्जुन, नीम, शीशम, जामुन, बेहरा, मुनगा, शिशु सिरस, अमरुद, हमार, कुसुम, निलगिरी, गुलमोहर, बेल, खैर, कटहल, कचनार, सीता फल शामिल हैं. सरकार और प्रशासन की इस पहल ने कई समाजिक संस्थाओं को अपनी ओर आकर्षित किया है.

लगातार ऐसी संस्थाएं प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रही है. वन विभाग के तैयार किए पौधों को लोगों तक पहुंचाने से लेकर उनकी देखभाल तक में ये संस्थाएं साथ दे रही है.

तीन चरणों में होगा पौध रोपण का काम

पहले चरण में शासकीय भवन, स्कूल, आश्रम छात्रावास में छह जुलाई को प्रारंभ होना है. इसमें जिले के छात्रावास, आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य केंद्र के परिसर पर मुनगा त्योहार कार्यक्रम के अंतर्गत कम से कम पांच मुनगा के पौधे लगाए जाने हैं.

पढ़ें :-उत्तराखंड : सबसे ऊंचा धनिया का पौधा उगाकर किसान ने बनाया गिनीज रिकॉर्ड

दूसरा चरण 11 जुलाई से शुरू होगा, जिसमें फलदार पौधे और सब्जी बीजों का छिड़काव किया जाएगा, अभियान का तीसरा चरण 20 जुलाई को हरेली तिहार के दिन होगा, जिसमें जिले के चरागाहों पर छायादार और फलदार पौधे रोपे जाएंगे.

महासमुंद वन विभाग की इस पहल की प्रदेशभर में चर्चा है. यहां प्रशासन लगातार ऐसी पहल करते रहता है, जिससे पर्यावरण को निश्चित ही लाभ मिलेगा जो की अपने आप एक सराहनीय कदम है.

Last Updated : Jul 5, 2020, 12:04 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details