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यूपी बोर्ड : हिंदी की हालत इतनी दयनीय...लगभग आठ लाख परीक्षार्थी फेल

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की 10वीं और 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणामों में एक अजीब तथ्य सामने आया है. दरअसल, यूपी बोर्ड की परीक्षा में बैठे छात्रों में लगभग आठ लाख विद्यार्थी हिंदी में ही फेल हो गए, वहीं 2 लाख 39 हजार छात्रों ने हिंदी की परीक्षा भी छोड़ दी थी.

हिंदी की परीक्षा में आठ लाख बच्चे फेल
हिंदी की परीक्षा में आठ लाख बच्चे फेल

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Published : Jun 29, 2020, 1:54 PM IST

Updated : Jun 29, 2020, 2:09 PM IST

लखनऊ : देश के हिन्दीभाषी क्षेत्रों का 'हृदय' कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश की हिंदी खराब होती जा रही है. यह हम नहीं, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) का परीक्षा परिणाम कह रहा है.

दरअसल, इस साल 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षा में बैठे 7 लाख 98 हजार विद्यार्थी हिंदी में ही फेल हो गए. बीते शनिवार को जारी हुए परिणाम में 5 लाख 28 हजार छात्र हाईस्कूल की हिंदी की परीक्षा पास नहीं कर सके, जबकि इंटर में 2 लाख 70 हजार छात्रों को पास होने लायक नंबर नहीं मिल सका.

देश के सबसे बड़े शिक्षा बोर्ड में परीक्षार्थियों की हिंदी आमतौर पर अच्छी मानी जाती है, लेकिन इस बार 7 लाख 98 हजार छात्रों के हिंदी में ही फेल होने को सवालिया निशान के तौर पर देखा जा रहा है. इसके अलावा 2 लाख 39 हजार छात्रों ने हिंदी की परीक्षा भी छोड़ दी थी.

यूपी बोर्ड की हाईस्कूल की हिंदी की कॉपियां जांचने वाली एक शिक्षिका का कहना है कि ज्यादातर छात्रों को आत्मविश्वास जैसे हिंदी के शब्द भी नहीं पता और वे कॉन्फिडेंस लिख रहे हैं और उसकी भी स्पेलिंग गलत. कुछ छात्र तो यात्रा को 'suffer' लिख रहे हैं. जाहिर सी बात है उनकी भाषा की समझ और स्तर काफी कम है. उन्होंने यह भी कहा कि ज्यादातर छात्रों को लगता है कि हिंदी पढ़ने की जरूरत ही नहीं है, क्योंकि यह उनके करिअर को बढ़ावा नहीं देगी.

पढ़ें :यूपी बोर्ड : 10वीं और 12वीं कक्षाओं के परीक्षा परिणाम जारी, यहां देखें रिजल्ट

यूपी बोर्ड के अधिकारी कहते हैं कि पिछले साल हिंदी में फेल होने वालों की संख्या 10 लाख के करीब थी. इस साल बोर्ड में 56 लाख से ज्यादा छात्रों ने परीक्षा दी थी.

Last Updated : Jun 29, 2020, 2:09 PM IST

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